बाबिल, जिसे गढवाल क्षेत्र में बाबड़ नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों पर उगने वाली एक…
'दम मारो दम मिट जाये गम’ गाना तो बीसवीं शताब्दी में बना साहब! जब कि गम मिटाने का ये नुस्खा…
बचपन से कई ऐसे संवाद धार्मिक प्रसंगों में सुनते आये हैं जिनका आशय तो हम नहीं समझ पाते लेकिन अतार्किक…
मामू कबाड़ी बस इतना ही परिचय काफी है इनका. मामू कबाड़ी को नैनीताल का हर बाशिंदा जानता है. कबाड़ बेचकर…
प्रताप भैया की 87वीं जयन्ती पर कोई सामान्य सी घटना भी आपकी जिन्दगी की दिशा मोड़ सकती है, यदि संवदेनशीलता…
आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर महानगरों में रहने वाले लोग भी जो…
पिज्जा, बर्गर और फास्ट फूड के इस दौर में यदि उत्तराखण्ड के परम्परागत व्यंजनों की बात करें तो आधुनिक पीढ़ी…
पचास के दशक के अन्त में जब होश संभाली, तो घर में किसी सदस्य के गम्भीर बीमार पड़ने पर डॉ.…
न कोई ब्रांडिंग, न विज्ञापन, न चमक-दमक वाला आउटलेट. इसके बावजूद नैनीताल की नमकीन इस कदर मशहूर हो गयी, कि…
यह कहना गलत न होगा कि उत्तराखण्ड की शादियों में जो रस्में होती थी, उनमें से कई आज बूढ़ी हो…