भुवन चन्द्र पन्त

बाबिल घास : पहाड़ की बहुउपयोगी घास

बाबिल, जिसे गढवाल क्षेत्र में बाबड़ नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों पर उगने वाली एक…

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दम भाई निज भाई और भाई घसड़ पसड़

'दम मारो दम मिट जाये गम’ गाना तो बीसवीं शताब्दी में बना साहब! जब कि गम मिटाने का ये नुस्खा…

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भय बिनु होय न प्रीति का पहाड़ी कनेक्शन – चेटक लगना

बचपन से कई ऐसे संवाद धार्मिक प्रसंगों में सुनते आये हैं जिनका आशय तो हम नहीं समझ पाते लेकिन अतार्किक…

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नैनीताल के मामू कबाड़ी, जिन्हें किताबों से है गजब का लगाव

मामू कबाड़ी बस इतना ही परिचय काफी है इनका. मामू कबाड़ी को नैनीताल का हर बाशिंदा जानता है. कबाड़ बेचकर…

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प्रताप भैया की जयन्ती पर विशेष : मेरे चाचा अपने नहीं, खान मेरे चाचा

प्रताप भैया की 87वीं जयन्ती पर कोई सामान्य सी घटना भी आपकी जिन्दगी की दिशा मोड़ सकती है, यदि संवदेनशीलता…

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पहाड़ी तकिया कलाम नहीं वाणी की चतुरता की नायाब मिसाल है ठैरा और बल का इस्तेमाल

आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर  महानगरों में रहने वाले लोग भी जो…

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खजूरे, गुड़पापड़ी, खिरखाजे और च्यूड़े – पहाड़ का पारम्परिक फास्ट फूड

पिज्जा, बर्गर और फास्ट फूड के इस दौर में यदि उत्तराखण्ड के परम्परागत व्यंजनों की बात करें तो आधुनिक पीढ़ी…

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भवाली के लोग भूले नहीं हैं डॉ. आन सिंह को

पचास के दशक के अन्त में जब होश संभाली, तो घर में किसी सदस्य के गम्भीर बीमार पड़ने पर डॉ.…

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खुद ही ब्रांड है नैनीताल की नमकीन

न कोई ब्रांडिंग, न विज्ञापन, न चमक-दमक वाला आउटलेट. इसके बावजूद नैनीताल की नमकीन इस कदर मशहूर हो गयी,  कि…

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बूढ़ी हो चली पहाड़ी शादियों की कई परम्परागत रस्में

यह कहना गलत न होगा कि उत्तराखण्ड की शादियों में जो रस्में होती थी, उनमें से कई आज बूढ़ी हो…

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