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शो मस्ट गो ऑनशो मस्ट गो ऑन

शो मस्ट गो ऑन

मुझ जैसा आदमी... जिसके पास करने को कुछ नहीं है... जो बिलकुल अकेला हो और उससे बढ़ कर बूढ़ा हो……

8 months ago
सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूलसेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल

सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल

किसी भी समाज के निर्माण से लेकर उसके सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में शिक्षा की  महत्वपूर्ण भूमिका होती है. शिक्षा…

8 months ago
चप्पलों के अच्छे दिनचप्पलों के अच्छे दिन

चप्पलों के अच्छे दिन

लंबे अरसे से वह बेरोज़गारों के पाँव तले घिसती हुई जिन्स की इमेज ढोती रही. उसका हमवार जूता, हर राह,…

8 months ago
छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछीछिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी

छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अंतरयात्रा : वो भूली दास्तां, लो फिर याद आ गई सुबह हो गई है. मौसम बिलकुल…

8 months ago
बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलिबिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

पहाड़ों में इन दिनों होता है आनन्द और उत्सव का माहौल. अगले कुछ दिन गाँव के लोग मिलकर आंगन में…

8 months ago
‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा

‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा

हमारी दुनिया एक फ़ैसला-कुन तरीके से उलट रही थी जब ये जुमला बहुत आहिस्ता से फूंका गया था हमारे कानों…

8 months ago
कसारदेवी के पहाड़ से ब्लू सुपरमूनकसारदेवी के पहाड़ से ब्लू सुपरमून

कसारदेवी के पहाड़ से ब्लू सुपरमून

Once in a blue moon, आपने अक्सर अंग्रेज़ी की इस कहावत का ज़िक्र किया होगा या फिर सुना होगा, पर…

8 months ago
‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला

‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला

कभी हिमालय की तलहटी में बसे गाँवों की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पशुपालकों के त्योहार लाया का महत्वपूर्ण…

8 months ago
‘गिर्दा’ की जीवन कहानी‘गिर्दा’ की जीवन कहानी

‘गिर्दा’ की जीवन कहानी

‘गिर्दा’ की पूरी जीवन कहानी यायावरी की है. हवलबाग के पास कोसी नदी के करीब ज्योली गांव में माता श्रीमती…

8 months ago
पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’

पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’

आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी की शुरूआत तो उन्नीसवीं शताब्दी में हुई और देश में तो इसकी पहुंच आमजन तक स्वतंत्रता…

8 months ago