डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
कहो देबी, कथा कहो – 33 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 32 नौकरी की आपाधापी में ही जब…
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
शमशेर सिंह बिष्ट ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल…
पहाड़ और मेरा जीवन - 19 (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के…
खजुराहो की शिल्पकला समाहित किये कामसूत्र की परम्परा का अनुसरण करती पत्थर की मूर्तियाँ कुमाऊँ में या तो अल्मोड़ा के…
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
फिल्म ‘कथा’ (1982) का बैकड्राप, खरगोश-कछुए की कथा पर आधारित है. बदलते हुए परिवेश में, परिवर्तित होते नैतिक मूल्यों को…
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 18 अमित श्रीवास्तव छापे के दौरान एक सरकारी कर्मचारी के मेज…