ताले में चाभी थोड़ी मुश्किल से घूमी. करीब दस महीने बाद मैं ‘अपने घर’ का तालाखोल रहा हूं. 2023 की…
सितम्बर 2008 में शेखरदा (प्रोफेसर शेखर पाठक) ने प्रसिद्ध छायाकार एवं पर्वतारोही अनूप साह तथा संवेदनशील छायाकार प्रदीप पाण्डे के साथ उच्च हिमालय…
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree साल-दो साल पहले जब पिथौरागढ़ (उत्तराखण्ड) के नैनी-सैनी…
“कोमलांगी सिया प्यारी तू कहाँ? ढूँढता फिरता तुझको मैं यहाँ.” मंच पर राम का विलाप चल रहा है. सीता के…
करीब छह-सात वर्ष पहले जब कुमाऊं मंडल विकास निगम का बेहतरीन प्रकाशन ‘थ्रोन ऑफ गॉड्स’ (धीरज सिंह गर्ब्याल और अशोक…
अनिल यादव की ‘कीड़ाजड़ी’ में कीड़ाजड़ी उतनी ही है जितनी कीड़े में जड़ी या जड़ी में कीड़ा होता है. नाम…
बात ‘गलता लोहा’ से शुरू करते हैं, जो शेखर जोशी जी की अपेक्षाकृत कम चर्चित कहानी है. पहाड़ के एक…
शोभाराम शर्मा जी का नाम मैंने प्रयाग जोशी जी से सुना था. प्रयाग जी ने 1972-73 में पिथौरागढ़ जिले के…
‘प्रधानी का चुनाव लड़ा जाए?’ एक सुबह बिल्कुल अचानक पुष्कर ने पूछा. ‘बहुत अच्छा रहेगा,’ कविता खुश हुई. ‘सही में?’…
बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’…