नवीन जोशी

हमारे बच्चों के लिए गांव के वीडियो ‘वाऊ फैक्टर’ हैं लेकिन उनके सपनों में जुकरबर्ग और एलन मस्क की दुनिया है

ताले में चाभी थोड़ी मुश्किल से घूमी. करीब दस महीने बाद मैं ‘अपने घर’ का तालाखोल रहा हूं. 2023 की…

6 months ago

‘हिमांक और क्वथनांक के बीच’ केवल यात्रा वृतांत नहीं है

सितम्बर 2008 में शेखरदा (प्रोफेसर शेखर पाठक) ने प्रसिद्ध छायाकार एवं पर्वतारोही अनूप साह तथा संवेदनशील छायाकार प्रदीप पाण्डे के साथ उच्च हिमालय…

7 months ago

गाँव के सारे कुत्ते बाघों के पेट में चले गये

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree साल-दो साल पहले जब पिथौरागढ़ (उत्तराखण्ड) के नैनी-सैनी…

12 months ago

अभिनय और संगीत पियूष की रगों में दौड़ता था

“कोमलांगी सिया प्यारी तू कहाँ? ढूँढता फिरता तुझको मैं यहाँ.” मंच पर राम का विलाप चल रहा है. सीता के…

1 year ago

खूबसूरत वादियों, मोहिले जन और विचित्र कथाओं का वृतांत

करीब छह-सात वर्ष पहले जब कुमाऊं मंडल विकास निगम का बेहतरीन प्रकाशन ‘थ्रोन ऑफ गॉड्स’ (धीरज सिंह गर्ब्याल और अशोक…

2 years ago

कीड़ाजड़ी – पिण्डर घाटी के जीवन का जादुई आईना

अनिल यादव की ‘कीड़ाजड़ी’ में कीड़ाजड़ी उतनी ही है जितनी कीड़े में जड़ी या जड़ी में कीड़ा होता है. नाम…

2 years ago

कथाकार शेखर जोशी ने आज 91वें वर्ष में प्रवेश किया है

बात ‘गलता लोहा’ से शुरू करते हैं, जो शेखर जोशी जी की अपेक्षाकृत कम चर्चित कहानी है. पहाड़ के एक…

2 years ago

जीवन और जंगल से बेदखल जंगल के राजा

शोभाराम शर्मा जी का नाम मैंने प्रयाग जोशी जी से सुना था. प्रयाग जी ने 1972-73 में पिथौरागढ़ जिले के…

3 years ago

गांव पर लटका ताला

‘प्रधानी का चुनाव लड़ा जाए?’ एक सुबह बिल्कुल अचानक पुष्कर ने पूछा. ‘बहुत अच्छा रहेगा,’ कविता खुश हुई. ‘सही में?’…

3 years ago

उनचास फसकों की किताब ‘बब्बन कार्बोनेट’

बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’…

3 years ago