केशव भट्ट

हिमालय की तरह विशाल हृदय वाले होते हैं वहां रहने वाले लोग

सुबह जागे तो बाहर का नजारा शांत था. सर्पाकार कुट्टी यांग्ती नदी के सामने सूरज की किरणों से सुनहरी आभा…

5 years ago

अब दिखावे का ही रह गया है भारत-तिब्बत व्यापार

नाभीढांग की सुबह खुशनुमा था. चाय पीकर हमने वापसी की राह पकड़ी. कालापानी पहुंचने पर पता चला कि आगे कहीं गर्म…

5 years ago

घंटों निहार सकते हैं ॐ पर्वत के प्राकृतिक श्रृंगार को

साथियों की त्योरियां चढ़ने पर पंकज मुस्करा दिया. उसने सफाई दी, "अरे! कोर्स में यही सब सिखाया जाता है... क्या…

5 years ago

महाकाली नदी के उद्गम पर स्थित मां काली का भव्य मंदिर

गुंजी से निकलते-निकलते आठ बज गए. आगे लंबे मैदान में एक जगह एक शिलापट्ट स्थापित था. ऐसा लग रहा था…

5 years ago

गर्ब्यांग से गुंजी गांव की यात्रा

दोपहर को फिर घूमने का मन हुआ तो गर्ब्यांग गांव से आगे काली नदी की ओर निकल गए. काली नदी…

5 years ago

गर्ब्यांग गांव के काकू और उनकी जड़ी-बूटियों की खुशबू वाली जादुई चाय

सुबह जागे तो मौसम ठंडा और खुशनुमा था. चाय पीने के बाद कुछ देर आंगन में धूप के इंतजार में…

5 years ago

छियालेख के बुग्याल में मरी हुई चिड़िया के फुर्र होने का जबरदस्त किस्सा

अप्रतिम छियालेख 3350 मीटर की ऊंचाई पर हैं. चारों ओर बुग्याली फूल जैसे खुश होकर झूम रहे थे. मन तो…

5 years ago

अनगितन सीढ़ियों वाले इस घुमावदार खड़े रास्ते के बाद छियालेख का मखमली बुग्याल

लगभग 2018 मीटर की ऊंचाई पर आज की रात हम मालपा में थे. 17 अगस्त 1998 की दुर्भाग्यशाली रात इस…

5 years ago

जिन चट्टानों को देख कमजोर दिल सहम जाते हैं वहां पहाड़ की महिलायें घास काटती हैं

घटियाबगड़ में कुछ दुकानें दिखाई दी थीं. इनमें जरूरत भर का सामान भी मौजूद था. यहां गांवों में बनने वाली…

5 years ago

सिनला की यात्रा के दौरान घटियाबगड़ में भूस्खलन का भयानक मंजर

हम होंगे सिनला पार एक दिन – 4 दारचूला से एक बार फिर काली नदी के झूला पूल को पारकर…

5 years ago