कला साहित्य

बच्चे बहुत दिनों तक जीवित रह सकते हैं अगर आप उन्हें मारना बंद कर दें

पतंग - आलोक धन्वा 1. उनके रक्तों से ही फूटते हैं पतंग के धागे और हवा की विशाल धाराओं तक…

6 years ago

हत्याएँ और आत्महत्याएँ एक जैसी रख दी गयी हैं इस आधे अँधेरे समय में

फ़र्क़ -आलोक धन्वा  देखना एक दिन मैं भी उसी तरह शाम में कुछ देर के लिए घूमने निकलूंगा और वापस…

6 years ago

बेपरवाह बच्ची

बेपरवाह बच्ची -पद्मिनी अबरोल ''ये देख लो रश्मि मैडम, इस बच्ची का हाल ! मैंने तीन दिन पहले इसे अच्छे बच्चे…

6 years ago

क्षितिज तक फ़सल काट रही औरतें

आलोक धन्वा की यह कालजयी कविता कई कई बार सार्वजनिक मंचों पर पढ़े जाने की दरकार रखती है. भारतीय समाज…

6 years ago

एक युवा कवि को पत्र – 5 – रेनर मारिया रिल्के

"एक युवा कवि को पत्र" महान जर्मन कवि रेनर मारिया रिल्के के लिखे दस ख़तों का संग्रह है. ये ख़त…

6 years ago

एक डग भीतर जाने के लिए सौ डग बाहर आना पड़ता है

अपनी नई कविताओं की रोशनी में कवि लीलाधर जगूड़़ी  -शिवप्रसाद जोशी लीलाधर जगूड़ी अपनी ही कविता में एक नवागंतुक की…

6 years ago

मैं शायद अमर हो जाऊं

अमरता के अहसास की भयावनी रात -शरद जोशी कल रात जब सोया तो एकाएक मैंने अनुभव किया कि हिंदी साहित्य…

6 years ago

एक युवा कवि को पत्र – 4 – रेनर मारिया रिल्के

"एक युवा कवि को पत्र" महान जर्मन कवि रेनर मारिया रिल्के के लिखे दस ख़तों का संग्रह है. ये ख़त…

6 years ago

लालटेन की तरह जलना

मंगलेश डबराल की कविता और जीवन पर कृष्ण कल्पित - शिवप्रसाद जोशी महत्त्वपूर्ण रचनाकार पर लिखने का आखिर क्या तरीक़ा…

6 years ago

अच्छे अध्यक्षों की अदा

अध्यक्ष महोदय -शरद जोशी हर शहर में कुछ अध्यक्ष किस्म के लोग पाए जाते हैं. यह शहर के साइज़ पर…

6 years ago