कला साहित्य

गिर्दा का केदारनाद

विगत कुछ सालों से महानगरों में खप रहे युवाओं के बीच पहाड़ लौटकर कुछ कर गुजरने का एक नया, सकारात्मक…

6 years ago

किसने आख़िर ऐसा समाज रच डाला है

हमारा समाज -वीरेन डंगवाल  यह कौन नहीं चाहेगा उसको मिले प्यार यह कौन नहीं चाहेगा भोजन वस्त्र मिले यह कौन…

6 years ago

न हों ज्ञान से बड़ी किताबें

संजय चतुर्वेदी की कविता पुस्तक मेले हुईं ज्ञान से बड़ी किताबें अर्थतन्त्र के पुल के नीचे रखवाली में खड़ी किताबें…

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मंटो क्यों लिखता था

आज मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो (Manto)की बरसी है. इस मौके पर प्रस्तुत है अपने लेखन को लेकर उनका लिखा…

6 years ago

चार कहानियाँ मंटो की

आज विख्यात कहानीकार सआदत हसन मंटो (Manto) की मृत्यु को 64 साल हो गए. साधारण मनुष्य की छोटी-बड़ी हार-जीतों को…

6 years ago

इतने भले नहीं बन जाना साथी

वीरेन डंगवाल (Viren Dangwal) हिन्दी के आधुनिक कवियों की सूची में ऊंचा स्थान रखते हैं. वीरेन डंगवाल (5 August 1947…

6 years ago

सिक्योरिटी गार्ड से स्टारडम तक : नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का इंटरव्यू

हिन्दी सिनेमा में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने एक बेहतरीन अभिनेता के तौर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. उनके द्वारा अभिनीत…

6 years ago

लच्छू कोठारी और उसके सात बेवकूफ बेटे

अभी पिछले दशक तक की बात थी जब कुमाऊं के स्कूलों में मास्टर बच्चे की मूर्खतापूर्ण हरकत पर ताना देकर…

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बच्चों और बड़ों दोनों को भाता है रोआल्ड डाल की कहानियों का संसार

बीसवीं सदी में सबसे ज़्यादा पढ़े गए लेखकों में शुमार रोआल्ड डाल ने उपन्यास लिखे, बच्चों के लिए किताबें लिखीं…

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चचा ग़ालिब के जन्मदिन पर उनकी हवेली से एक रपट

सुबह जब गली मीर क़ासिम जान पहुंचा तो उनकी हवेली, जिसे अब एक स्मारक में तब्दील कर दिया गया है,…

6 years ago