एक अंतरंग गोष्ठी सी हो रही थी युवा असंतोष पर. इलाहाबाद के लक्ष्मीकांत वर्मा ने बताया - पिछली दीपावली पर…
मेरे मित्र की कार बँगले में घुसी तो उतरते हुए मैंने पूछा, 'इनके यहाँ कुत्ता तो नहीं है?' मित्र ने…
बसंत ऋतु की बारिश चीजों को भिगोने के लिए काफी नहीं थी. झीसी इतनी हलकी थी कि बस त्वचा थोड़ा…
-ओ हेनरी वाशिंगटन चौक के पश्चिम की ओर एक छोटा-सा मुहल्ला है जिसमें टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के जाल में कई बस्तियां…
-ओ. हेनरी जीवन के सुख-दुख का प्रतिबिंब मनुष्य के मुखड़े पर सदैव तैरता रहता है, लेकिन उसे ढूँढ़ निकालने की…
हमारे यहां गांव बहुत छोटे-छोटे हैं. कहीं-कहीं तो बहुत ही छोटे, दस-बीस घर से लेकर पांच-छह घर तक और बहुत…
एक बहुत छोटे से गाँव की सोचिए जहाँ एक बूढ़ी औरत रहती है, जिसके दो बच्चे हैं, पहला सत्रह साल…
अपने इस नए कार्यक्षेत्र में आने के बाद उसे यह पहला बच्चा जनवाना है. परसों जब वह यहाँ पहुँची, शाम…
हाल ही के वर्षो में ’बाटुइ’ शीर्षक से प्रकाशित कविता संग्रह कुमाउनी साहित्य में रुचि रखने वालों लोगों के लिए…
सब झूठ-भरम का फेर रे-ए-ए-ए...माया-ममता का घेरा रे-ए-ए-ए...कोई ना तेरा, ना मेरा रे-ए-ए-ए... नटवर पंडित का कंठ-स्वर ऐसे पंचम पर…