इतिहास

आचार्य नरेन्द्र देव जिन्हें अपना संस्कार-पिता मानते थे नैनीताल के प्रताप भैया

आचार्य नरेन्द्र देव की 130 वीं जयन्ती पर विशेष : आचार्य नरेन्द्र देव का बहुमुखी व्यक्तित्व ही ऐसा था कि…

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लॉर्ड हार्डिंग ने बनवाया था काठगोदाम का वह बेजोड़ गौला पुल

[पिछली क़िस्त: 24 अप्रैल 1884 को सबसे पहले रेल पहुंची थी काठगोदाम में] काठगोदाम में गौला नदी पर सन 1913-14…

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24 अप्रैल 1884 को सबसे पहले रेल पहुंची थी काठगोदाम में

[पिछली क़िस्त: 1888 में अंग्रेजी मिडिल स्कूल की तरह शुरू हुआ था हल्द्वानी का एम. बी. कॉलेज] लकड़ी का कारोबार…

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1939 में बनी थी कुमाऊं की लाइफलाइन केमू

कुमाऊँ में मोटर यातायात की शुरूआत सर्वप्रथम 1915 में नैनीताल-काठगोदाम के बीच हुई. इसके पश्चात 1920 में काठगोदाम- अल्मोड़ा के…

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1888 में अंग्रेजी मिडिल स्कूल की तरह शुरू हुआ था हल्द्वानी का एम. बी. कॉलेज

[पिछली क़िस्त: 1901 में बाबू रामप्रसाद मुख्तार ने बनवाया था हल्द्वानी का आर्य समाज भवन] आज जिस एम. बी. राजकीय…

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फ्वां बाघा रे वाले खतरनाक नरभक्षी बाघ की असल रोमांचक दास्तान

आजकल पहाड़ों में ही नहीं देश-विदेश में “फ्वां बाघा रे” गीत की बहुत चर्चा है. यह गीत इतिहास की  एक…

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‘तीलै धारू बोला’ कहीं उत्तराखण्डी महिलाओं की व्यथा-कथा तो नहीं?

जब से हमने होश संभाला, कुमांऊनी का गाना – ‘चैकोटकि पारबती तीलै धारू बोला बली, तीलै धारू बोला’ अथवा ‘ओ…

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1901 में बाबू रामप्रसाद मुख्तार ने बनवाया था हल्द्वानी का आर्य समाज भवन

[पिछ्ला भाग: हल्द्वानी का प्राचीन मंदिर जिसकी संपत्ति का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा गया] सन 1901 में बाबू रामप्रसाद…

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हल्द्वानी का प्राचीन मंदिर जिसकी संपत्ति का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा गया

[पिछ्ला भाग: तब बची गौड़ धर्मशाला ही यात्रियों के लिए इकलौता विश्राम स्थल थी हल्द्वानी में – 1894 में बनी]…

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तब बची गौड़ धर्मशाला ही यात्रियों के लिए इकलौता विश्राम स्थल थी हल्द्वानी में – 1894 में बनी

[एक ज़माने में तराई-भाबर का भी इकलौता बाजार था हल्द्वानी का मंगल पड़ाव] हल्द्वानी में आने-जाने वालों के लिए इकलौता…

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