बात सन् 1921-22 की है. तब मेरी उम्र लगभग 5 वर्ष होगी. हम अपने गाँव (नौगाँव, पो. कफड़ा, विकास खण्ड…
मेरी जानकारी में जसुली देवी सौक्याणी के सम्बन्ध में धारचूला सनपाल सिंह दताल एवं मेरी मां स्व. सुरमा देवी पत्नी…
कुमाऊनी लोक गीतों में वह कत्यूरी राज वंशावली जो कार्तिकेय वर्तमान बैजनाथ के निकट रणचूला दुर्ग, लखनपुर (द्वारहाट) तथा छिपला…
एटकिन्सन ने अपनी किताब हिमालयन गजेटियर में उत्तराखंड में परिवहन व्यवस्था पर विस्तार से लिखा है. यहां नदियों पर पाये…
कुमाऊं के स्वतन्त्रता संग्राम में मोहन जोशी एक ऐसा नाम रहा है जिसने बतौर संग्रामी के ही नहीं, अपितु यशस्वी…
भारत के अन्य भागों की तरह कुमाऊं में भी अंग्रेजों ने अपनी कूट-नीति से सारे कुमाऊं-गढ़वाल में अपना अधिकार 1815…
बचपन से भवाली के ताजमहल के नाम से जाने जाने वाली राजपुताना राजघराने की एक धारोहर के बारे में जानने…
सौ बरस पहले 14 जनवरी की सुबह बागेश्वर की फ़िजा में अलग गर्मी थी. आज सरयू कल-कल के बजाय दम्मू…
1857 की क्रांति में गढ़वाल भू-भाग में पूरी तरह शांति रही. इतनी कि तत्कालीन कमिश्नर रैमजे को गढ़वाल भ्रमण पर…
घटना कुमाऊं के अंतिम चंद राजा मोहन चंद के काल (सन् 1777 से 1788 ई.) की है. इस समय कुमाऊं…