उत्तराखंड में एक से एक सुन्दर प्राचीन मंदिर हैं जिनका सदियों पुराना स्थापत्य आज भी चमत्कृत करता है. ऐसा ही…
ह्या छूङ की कृपा से तीदांग की दल-दल भूमि सूख कर हरे-भरे घास के मैदान में परिवर्तित हो चुकी थीं.…
रं समाज में मुख्यतः एकल विवाह ही होता है, परन्तु कभी-कभी बच्चे नहीं होने की दशा में या पत्नी की…
ग्राम तिदांग के ह्या रंचिम का युग व सिम कच्यरो पैं के युग की समाप्ति के बाद ह्या छूङ सै…
तिदांग रंचिम के युग की समाप्ति के बाद तिदांग में सिम कच्यरो पैं (तीन कच्यरो भाई) का युग शुरू होता…
नेपाल के जुमला जिले के जाईरा नामक गांव में सरकी देव प्रकट हुए थे. यहां एक गाय हर एक शाम…
सोर घाटी, पिथौरागढ़ के अलावा काली कुमाऊँ के गुमदेश में भी चैतोल का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गुमदेश…
आज से सत्ताईस साल पहले आज ही के दिन यानी ईस्टर, 20 अप्रैल 1992 को लन्दन के वेम्बली स्टेडियम में…
सबसे पहले तिदांग ग्राम में रंचिम ह्या रहते थे. वे एक शक्तिशाली, पराक्रमी, प्रभावशाली व धनुर्धर महापुरुष थे. उनके एक…
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल में चैत्र नवरात्र में मनाया जाने वाला त्यौहार है चैतोल. मुख्यतः पिथौरागढ़, चम्पावत जिलों के विभिन्न…