कॉलम

पैंतीस के बाद प्रेम वाया और पतित होने के नारायणी नुस्खे

एक बार तो लगता है कि झपटकर कर लें, लेकिन फिर दिमाग चोक लेने लगता है. यहां तक आते-आते दिल…

6 years ago

वे दिन, वे लोग और उन दिनों का वह पंतनगर!

कहो देबी, कथा कहो – 21 (पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 21 - निर्माण के दिन) वे दिन,…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 58

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

मुक्तेश्वर से बर्फ़बारी की कुछ तस्वीरें

दिसंबर मध्य से हिमालय की निचली चोटियों पर बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है. दो-एक दफा होने वाली इस बर्फ़बारी…

6 years ago

सिकंदर: बच्चों के लिए एक बेहतरीन फिल्म

हमारे देश में बच्चों का सिनेमा बनाने और उसे प्रचारित–प्रसारित करने के लिए बकायदा एक संस्था है जिसका नाम है…

6 years ago

लाला अमरनाथ को आंकड़ों में नहीं बांधा जा सकता

भारत में क्रिकेट अपनी जड़ें जमा रहा था जब 1933 में बॉम्बे जिमखाना में बाइस साल के लाला अमरनाथ ने…

6 years ago

इस बार हिंदू वोटर बनने से इनकार कर दिया हिंदू नागरिकों ने

उत्तर भारत के जिन तीन राज्यों में चुनाव हुए, वे साधारण राज्य नहीं हैं. इन राज्यों में बीजेपी पिछले तीन…

6 years ago

और हम वापस पहुंचे पहाड़ों की गोद में, ठुलीगाड़ बना पिथौरागढ़ में अड्डा

पहाड़ और मेरा बचपन – 12 (पिछली क़िस्त : उधमपुर में दो साल के छोटे भाई की मौत और पिता…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 57

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

सर्दियों में नैनीताल से चीनापीक की वाॅक – फोटो निबन्ध

मैं दूटी हुई लकड़ी की एक पुरानी बेंच पर थोड़ा थकी हुई सी बैठ गयी. मेरे सामने हिमालय की काफी…

6 years ago