कॉलम

सुनते हैं अल्मोड़ा की हरुली का भाई किसी जिले में बड़ा अफसर है

अल्मोड़ा शहर की सरहद कर्बला से शुरू होती है कर्बला एक तिराहा है, जहां कुछ दुकानें हैं,वहीं कहीं एक जगह…

5 years ago

कोई अफसर या नेता नहीं आएगा, पहाड़ को बचाने का काम हमें ही करना होगा

उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके को ध्यान से देखा जाय तो मालूम पड़ता है कि मनुष्य और प्रकृति के सम्बन्ध पिछले…

5 years ago

ईवीएस… ईवीएस होता है, इसमें हम ईवीएस पढ़ते हैं

हाल ही में एक सज्जन के घर खाने पर उनके पुत्र से मुलाक़ात हुई. एक आम भारतीय की तरह मेहमान…

5 years ago

अपनी आमा की बहुत याद आती है मुझे

बात सन् 1982 के शुरुआती दिनों की है जब आमा लोहे के सन्दूक में पूरा पहाड़ समेटकर वाया बरेली यहाँ…

5 years ago

भीमताल और टूट चुके पत्थर का दर्द

शायद 69-70 के दशक की बात होगी, मैं तब भीमताल के एल. पी. इंटर कॉलेज में आठवीं या नवीं का…

5 years ago

कुमारस्वामी और काम के वे दिन

कहो देबी, कथा कहो – 45 पिछली कड़ी - कहां थे मेरे उजले दिन “हां, तो कहो देबी. फिर क्या…

5 years ago

एक लड़की मां नहीं बनना चाहती क्या इसलिए उससे घृणा की जानी चाहिए

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – नवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: सबसे मुश्किल है अच्छा इंसान…

5 years ago

भट के डुबके – इक स्वाद का दरिया है और डुबके जाना है

पहाड़ के जायके - 1 पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद वर्ष 1990-91 में पत्रकारिता की सांस्थानिक नौकरी में चला गया.…

5 years ago

हल्द्वानी में वट सावित्री की तस्वीरें

करवा चौथ से ही मिलता-जुलता त्यौहार हैं वट सावित्री. इस त्यौहार को उत्तराखण्ड समेत कुछ राज्यों में पारंपरिक रूप से…

5 years ago

पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आया

पहाड़ और मेरा जीवन – 36 (पिछली कड़ी: मेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट…

5 years ago