कला साहित्य

अमृता प्रीतम की कहानी : जंगली बूटी

अंगूरी, मेरे पड़ोसियों के पड़ोसियों के पड़ोसियों के घर, उनके बड़े ही पुराने नौकर की बिल्कुल नई बीवी है. एक तो…

8 months ago

अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी

आर्ट स्कूल के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे थे, ठीक उसी समय योगेश…

8 months ago

भूत की चुटिया हाथ

लोगों के नौनिहाल स्कूल पढ़ने जाते और गब्दू गुएरों (ग्वालों) के साथ गुच्छी खेलने सामने के चरागाह पर जाता. लोगों…

8 months ago

स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि

घनी हरियाली थी, जहां उसके बचपन का गाँव था. साल, शीशम, आम, कटहल और महुए के पेड़. ये बड़े-बड़े पेड.…

8 months ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे. उनका नाम था अब्बू खाँ.…

8 months ago

नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम

जिसके मन की पीड़ा को लेकर मैंने कहानी लिखी थी ‘नीचे के कपड़े’ उसका नाम भूल गई हूं. कहानी में सही…

8 months ago

रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता

एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था. उछलता था, फुदकता था, उड़ता…

8 months ago

कहानी: सूरज के डूबने से पहले

-धर्मपाल सिंह रावत "जरा सांस ले ले. बस थोडा और रह गया है, आ गई तैल्या की धार, वहाँ  टावर…

8 months ago

कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है

कहानियों का नदी की तरह कोई मुहाना नहीं होता ना ही सितारों की तरह उनका कोई आसमान. एक सजग दृष्टि…

9 months ago

कहानी: कलकत्ते में एक रात

-आचार्य चतुरसेन शास्त्री कलकत्ता जाने का मेरा पहला ही मौका था. मैं संध्या-समय वहां पहुंचा, और हरीसन रोड पर एक…

9 months ago