Featured

पहाड़ से भी विकराल है पूँजीपतियों की हवस

इट्स ऑसम… वैदर इज़ सो कूल… सनशाइन फील्स सो गुड…

झुलसाती गरमी में जेब में पैसे हों तो पहाड़ पहुँचकर आप भी ऐसा ही कुछ कहेंगे. पहाड़ कितने ख़बूसरत होते हैं पर्यटकों के लिए.
उन्हीं अमेजिंग, कूल, अदभुत सौंदर्य वाले पहाड़ों से वहाँ की आबादी पलायन कर रही है. बेटा जवान होता है तो उसके ईजा-बाबू कहते हैं – आग लगे, बज्जर पड़े यहाँ, बेटा तू दिल्ली चला जा. कुछ काम मिलेगा, दो पैसे तो आएँगे हाथ में.

उत्तराखंड नया राज्य बना. लोगों ने सोचा चलो कुछ तो रोजगार सृजित होगा पहाड़ में. जनप्रतिनिधियों के रूप में नए मनसबदार, हाकिम मिले. पाँच साल में उनको अधिकतम कमा लेना था. वे भी बेचारे क्या करते?

पहाड़ों के इंटीरियर में खंडहर होते मकान हैं, बंदर हैं, सुअर हैं, अथाह ब्लैकमनी वाली कम्युनिटी के गुर्गे हैं जो जगह-जगह जमीन खरीद रहे हैं. और दिल्ली, बंबई, बिदेस में रहने वाले पहाड़ियों के संकल्प हैं कि एक दिन अपनी जन्मभूमि लौटेंगे.

कभी-कभी लगता है हिंदुस्तान में कभी ऐसी मिट्टी में किसी का जन्म न हो जहाँ खनिज संपदा अपरंपार हैं. जाने कितने बरसों से देख रहे हैं मंतरियों-संतरियों की सारी कोशिशों, सारी पुलिस-फौज लगाने के बावजूद कितने सारे लोग हैं जो बंदूक की नोक पर बेघर होने को तैयार नहीं हैं. वे प्रतिरोध कर रहे हैं. उन्हें माओवादी-नक्सली कहकर उन्हें मार दिया जाता है. उनके प्रति सहानुभूति रखने वाले, लड़ने वाले जाने कितने कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूँस दिया गया, मार दिया गया.

ख़बर आ रही है वेदांता की स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ तमिलनाडु के लोगों ने विरोध जताया तो 11 लोगों को मार दिया.

पूँजीपतियों की हवस पहाड़ से भी विकराल है.

 

पंतनगर में रहने वाले ललित सती लम्बे समय से अनुवाद कार्य से जुड़े हैं. सोशल मीडिया पर उनकी उपस्थिति उल्लेखनीय है. काफल ट्री के लिए नियमित लिखेंगे.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल

-अशोक पाण्डे पहाड़ों में आग धधकी हुई है. अकेले कुमाऊँ में पांच सौ से अधिक…

8 hours ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

10 hours ago

नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम

जिसके मन की पीड़ा को लेकर मैंने कहानी लिखी थी ‘नीचे के कपड़े’ उसका नाम…

11 hours ago

रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता

एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था.…

1 day ago

यम और नचिकेता की कथा

https://www.youtube.com/embed/sGts_iy4Pqk Mindfit GROWTH ये कहानी है कठोपनिषद की ! इसके अनुसार ऋषि वाज्श्र्वा, जो कि…

2 days ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में…

2 days ago