27 फरवरी 1965 के दिन भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक टेस्ट मैच शुरू हुआ मैच का सबसे ख़ास बात थी एक 19 साल के युवा लड़के का भारतीय टीम में पदार्पण नाम था श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन.
श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन का जन्मदिन है. लम्बे कद के श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन दाएं हाथ के ऑफ़ स्पिनर गेंदबाज थे. श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन ने अपने हाई आर्म एक्शन से उस समय दुनिया के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को परेशान किया था.
अपनी तेज और सटीक ऑफ़ स्पिन के साथ लेग कटर का इस्तेमाल करने वाला बहुमुखी प्रतिभा का यह खिलाड़ी कई मौकों पर बल्ले से भी टीम का साथ देता था.
गेंदबाजी और बल्लेबाजी के अतिरिक्त श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन एक बेहतरीन फिल्डर भी थे. एकनाथ सोलकर, आबिद अली और वाडेकर के साथ मिलकर उन्होंने के टीम का फील्डिंग स्तर उठा दिया था.
मुम्बई में होने वाले एक मैच में श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन को बारहवें खिलाड़ी के रूप में चुना गया. श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन के स्थान पर सुब्रतो गुहा को टीम में शामिल किया गया. मिडिया और लोगों को यह बात बिलकुल भी पसंद नहीं आये और नारा लगने लगा नो वेंकट नो टेस्ट. लोगों का दबाव इतना था कि टीम मनेजमेंट को आखिरी वक्त पर श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन को टीम में शामिल ही करना पड़ा.
श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 57 टेस्ट मैच खेले. 57 टेस्ट में उन्होंने 156 विकेट लिये थे. इसके साथ ही उन्होंने 748 रन भी अपने टेस्ट करियर में बनाये.
1975 और 1979 के दोनों विश्व कप में श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे. क्रिकेट से सन्यास के बाद श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन कुछ दिन प्रशासक के तौर पर भी रहे.
श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन भारत के पहले अम्पायर थे जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अम्प्यारिंग की थी. 1993 के बाद वे लम्बे समय तक अम्पयार रहे. उन्होंने 73 टेस्ट मैच और 52 वनडे क्रिकेट में अम्पयारिंग की थी.
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