विचारोत्तेजक सवाल छोड़ती जाती है ‘सन ऑफ मंजीत सिंह’ फिल्म

6 years ago

लगता है कि अच्छी फिल्मों का दौर फिर से लौट आया है. बॉलीवुड में तो अच्छी - अर्थपूर्ण फिल्में बन…

रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 5

6 years ago

(पिछली क़िस्त का लिंक - रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा - 4) सुबह उजाला हुआ तो मैं बाहर…

रंग उसे बीजगणित की जटिल वीथियों में ले जाते थे

6 years ago

मून फ्लोरिस्ट वो जब भी इस दुकान के आगे से गुज़रता, हल्का सा ठिठक जाता.. . और सोचने लगता कि…

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 2

6 years ago

पिछली कड़ी गुडी गुडी डेज़ -अमित श्रीवास्तव बतकुच्चन मामा फैल गए थे. ये बात उनको नागवार गुज़री थी. वैसे तो…

भारतवासी होने का सौभाग्य तो आम से भी बनता है

6 years ago

आम के बाग़ -आलोक धन्वा आम के फले हुए पेड़ों के बाग़ में कब जाऊँगा? मुझे पता है कि अवध,…

मीटू इज स्वीटू

6 years ago

गुजरात के शहरों और कस्बों से हिंदी बोलने वाले बिहार, यूपी, एमपी के भइया लोग देसी गालियां और लात देकर…

ट्रेल पास अभियान भाग – 1

6 years ago

छानपुर और जोहार घाटी के मध्य लगभग 18000 फिट ऊॅंचे गिरिपथ को पार कर तिब्बत व्यापार हेतु सुगम मार्ग खोज…

रामलीला के बहाने नये – नये प्रयोग भाग : 2

6 years ago

पिछली कड़ी तो एक बार भवाली की टीम को ‘राम वनवास’ वाला प्रसंग मिला प्रस्तुति के लिये. राम-लक्ष्मण का वनवासी…

जोहार घाटी का सफ़र भाग – 5

6 years ago

पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र -4 'मामा अब नहीं आएंगे हम ट्रैकिंग में... ! मिलम गांव से…

माफ़ करना हे पिता – 4

6 years ago

(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता - 3) उन्हीं दिनों कभी मैंने पिता से पूछा कि क्या इंदिरा गांधी तुमको…