कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 91

5 years ago

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

पेड़ों के तने मेरी किताब के पन्ने हैं – वृक्ष मानव सकलानी

5 years ago

वृक्ष मानव का निधन विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने आठ साल की उम्र में अपने जीवन का पहला पौधा लगाया था. 96…

पचास लाख पेड़ लगाने वाले मसीहा का जाना

5 years ago

कल यानी बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के ‘वृक्ष मानव’ (Tree Man) के नाम से विख्यात श्री विश्वेश्वर दत्त सकलानी (Vishweshwar…

“हाँ साहब! वह पैठी है मन के भीतर” – गोपाल राम टेलर से महान लोकगायक तक गोपीदास का सफ़र

5 years ago

1900-1902 के बीच कोसी नदी से सटे हुये गांव सकार में ‘दास’ घराने के एक हरिजन टेलर मास्टर के घर…

मंटो क्यों लिखता था

5 years ago

आज मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो (Manto)की बरसी है. इस मौके पर प्रस्तुत है अपने लेखन को लेकर उनका लिखा…

कविता: कवि-तान: कविता- न!: क-वितान

5 years ago

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 16 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल)…

चार कहानियाँ मंटो की

5 years ago

आज विख्यात कहानीकार सआदत हसन मंटो (Manto) की मृत्यु को 64 साल हो गए. साधारण मनुष्य की छोटी-बड़ी हार-जीतों को…

यह सब जानना चाहिए ब्रह्मकमल के बारे में

5 years ago

58 तरह का ब्रह्मकमल हालांकि इसका नाम ब्रह्मकमल (Brahmakamal) है पर यह तालों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन…

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 90

5 years ago

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

दो हजार साल पहले पिथौरागढ़ के तीन ओर था एक सरोवर

5 years ago

वह सरोवर बचपन में अपने “मुलुक’ (Pithoragarh) के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के…