पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें

3 years ago

पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहां भी खुले शमा रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त…

जब उत्तराखंड के जंगलों में भटके दयानन्द सरस्वती

3 years ago

स्वामी दयानन्द जी 11 अप्रैल सन् 1855 को 30 वर्ष की उम्र में कुम्भ मेले की धूम सुनकर उत्तराखण्ड के…

पहाड़ के गांवों में नाचने वाली ‘रफल्ला’ के जीवन की कहानी

3 years ago

फागुन के आखिरी दिनों में रफल्ला, गाँव के नजदीक के गधेरे में अपना घाघरा धो रही है. बसंत इन दिनों…

कठिन पद यात्रायें प्रकृति के करीब ले जाती हैं

3 years ago

ऊपर ज्योरागली में धूप निखर आई थी. कुछेक साथी वहां पहुंच भी गए थे तो ठंड में जमी रूपकुंड झील…

देहरादून में रहने वाले बारह साल के बच्चे की दूसरी किताब

3 years ago

अमरीका के सबसे ज़्यादा बिकने वाले समकालीन लेखकों में से एक क्रिस्टोफ़र पॉलीनि अब सैंतीस साल के हैं. जब उनकी…

मेरी हरिद्वार यात्रा: भारतेंदु हरीशचंद्र का यात्रा-वृत्तांत

3 years ago

सन 1871 की यात्रा (हरिद्वार) के बाद भारतेन्दु ने हरिद्वार के एक पण्डे को पत्र में लिखा था-(Haridwar Travelogue by…

तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ ले जाने वाला एक हेलीकॉप्टर जिसे सफेद चीटियां चट कर गयी

3 years ago

1934 का साल था. इंग्लैण्ड से एक हेलीकॉप्टर भारत लाया गया. हिमालया एयर ट्रांसपोर्ट एंड सर्वे को. लिमिटेड नाम की…

दिल्ली से गांव लौटने की एक पुरानी याद

3 years ago

पहाड़ जाना उन दिनों सबसे प्रिय दिनों में होता था. कब स्कूली छुट्टियां मिले कब गांव जायें, यह बहुत बड़ा…

हिमालय में जलविद्युत परियोजना के नाम पर नदियों-पहाड़ों का विनाश

3 years ago

यदि आपसे पूछा जाए कि एक नदी की स्वाभाविक प्रकृति क्या है? तो निश्चित ही आपका जवाब होगा-अपने तयशुदा मार्ग…

शिवलिंग का पूजन उत्तराखंड के इस धाम से शुरू हुआ था

3 years ago

शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है उन्हीं रूपों में एक है शिवलिंग. पौराणिक कथानुसार माना गया है कि…