रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, महिला टी-20, वन डे, वीनू मांकड़ ट्रॉफी, दलीप ट्राफी, देवधर ट्राफी और कूच बिहार ट्रॉफी में उत्तराखंड की टीम भी उतरेगी. उत्तराखंड की क्रिकेट टीम ‘टीम उत्तराखंड‘ नाम से इस सत्र में होने वाले रणजी ट्राफी में 18 साल के इंतज़ार के बाद अपना डेब्यू मैच खेलेगी. बीसीसीआई ने अपने घरेलू कैलेंडर में बाकायदा ‘टीम उत्तराखंड’ का जिक्र भी किया है. स्वतंत्र एसोसिएशन नहीं होने से उत्तराखंड के खिलाड़ी राज्य के लोगो के बिना ही खेलते नजर आएंगे.
बीसीसीआई प्रशासकों की कमेटी के कारण उत्तराखंड को घरेलू टूर्नामेंट में खेलने की मंजूरी तो मिल गई, लेकिन अभी एसोसिएशन का गठन बाकी है. राज्य में क्रिकेट की कार्रवाई संचालित करने के लिए उत्तराखंड क्रिकेट कंसेंसस कमेटी का गठन किया गया है, लेकिन पूरी बागडोर बीसीसीआई के हाथ में ही है.
राज्य में अभी देहरादून और हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हैं. इसके इलावा देहरादून में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी, तनुष क्रिकेट एकेडमी है. इन दोनों एकेडमी में डे-नाइट क्रिकेट खेलने की व्यवस्था है. काशीपुर में भी क्रिकेट मैदान है, लेकिन अन्य जिलों में क्रिकेट मैदानों का अभाव है. राज्य के किसी भी पूर्ण रूप से पर्वतीय जिले में अब तक क्रिकेट का मैदान नहीं है.
सितंबर माह से ही राज्य की क्रिकेट टीम चयनित की जायेगी. चयन समिति में उत्तराखंड का कोई भी व्यक्ति नहीं होगा. टीम चयन के बाद कोच और ट्रेनर भी राज्य से नहीं होंगे.
इस सत्र में होने वाले रणजी ट्राफी मुकाबले में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के चलते अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुद्दुचेरी, सिक्किम और उत्तराखंड राज्य की टीमों को खेलने को मिलेगा. टीम उत्तराखंड की रणजी ट्रॉफी टीम चुनने के लिए ट्रायल देहादून में होना संभावित है. जिसके कारण सभी ख़िलाड़ियों को देहरादून में ही आना होगा.
रणजी ट्रॉफी 2018-19 की शुरुआत 1 नवंबर से होगी. लीग स्टेज के मैच 10 जनवरी तक खेले जाएंगें. क्वार्टरफाइनल मैचों की शुरुआत 15 जनवरी से होगी. जबकि फाइनल मैच 2 फरवरी से 6 फरवरी तक खेला जाएगा.
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