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उत्तराखंड में सरकारी काम कराने के लिये 50 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी

इण्डिया करप्शन सर्वे 2019 की रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड में पिछले एक साल में 50 फीसदी लोगों ने सरकारी दफ्तरों में रिश्वत दी है. इण्डिया करप्शन सर्वे की इस रिपोर्ट में उत्तराखंड के 50 फीसदी लोगों ने माना है कि सरकारी काम कराने के लिये उन्हें रिश्वत देनी पड़ी है. India Corruption Survey 2019 Uttarakhand

इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि 61 फीसदी लोगों का मानना है कि पिछले एक साल में करप्शन कम नहीं हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार 25 फीसदी लोगों ने कभी-कभार रिश्वत दी है तो 25फीसदी लोगों ने एक से अधिक बार रिश्वत दी. India Corruption Survey 2019 Uttarakhand

उत्तराखंड में रिश्वत लेने वाले विभागों में सबसे पहला जमीन, प्रॉपर्टी के पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय है. 67 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्होंने जमीन व प्रापर्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में रिश्वत दी है.

उत्तराखंड विजिलेंस ने राज्य बनने के बाद अब तक 208 मामले ट्रैप से पकड़े हैं जिनमें 22 पर दोष सिद्ध हो पाया है, जबकि 28 मामलों में आरोपी दोषमुक्त हो गए. इस सबके बीच उत्तराखंड में अब तक लोकायुक्त का पद खाली है.

India Corruption Survey 2019 में उत्तराखंड

इस रिपोर्ट में 2018 और 2019 के बीच देश भर में 10% करप्शन कम होने की बात भी कही गयी है हालांकि 2017 से 2018 के बीच इण्डिया करप्शन सर्वे की ही रिपोर्ट में करप्शन को दस से अधिक प्रतिशत बढ़ा हुआ बताया गया था.

बीस राज्यों में हुए इस सर्वे की रिपोर्ट में भारत का सबसे भ्रष्ट राज्य राजस्थान को बताया गया है. राजस्थान में 78 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें सरकारी दफ्तर में अपना काम करने लिए रिश्वत देनी पड़ी है.

सबसे कम रिश्वतखोरी दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा व पश्चिम बंगाल में है. उत्तराखंड समेत देश के 13 अन्य ऐसे राज्य हैं जहां के 50 फीसदी लोगों को सरकारी दफ्तर में काम कराने के लिये रिश्वत देनी पड़ी है. India Corruption Survey 2019 Uttarakhand

काफल ट्री डेस्क

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Girish Lohani

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  • रिश्वत देने वालों का असल आंकड़ा 90% से अधिक होगा । बात यह है कि सरकारी संस्थानों से वास्ता कितनों का पड़ा है ?

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