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पेट को फ्लैट और फौलादी बनाने के तरीके

पिछले सप्ताह हमने पांच आसन जाने थे जिनका नियमित अभ्यास हमारे पेटा को फ्लैट और फौलादा बना सकता है. उसी क्रम में आज हम अगले पांच आसन के बारे में जानेंगे. पहले पांच आसनों की तुलना में ये थोड़े मुश्किल हैं क्योंकि इनका अभ्यास करते हुए मांसपेशियों पर थोड़ा ज्यादा जोर पड़ता है. लेकिन अगर आप धीरे-धीरे इनका अभ्यास करते रहेंगे, तो कुछ समय में ये आसन भी आसान लगने लगेंगे. आसन कैसे करने हैं इसे लेकर कोई भ्रम न रहे इसलिए विडियो का लिंक भी साथ में दिया जा रहा है. कृपया विडियो देखकर आसन करने की विधि को भलीभांति समझ लेने के बाद ही आसन करें.
(Yogasanas for Flat Tummy Mind Fit)

छठा आसन – अधोमुख श्वान आसन

कैसे करें

1.  योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं. इसके बाद सांस खींचते हुए अपने पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं और टेबल पोज पर आ जाएं. 

2.  सांस छोड़ते हुए धीरे—धीरे हिप्स को ऊपर की ओर ले जाएं. अपनी कुहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखते हुए शरीर को उल्टे ‘V’ के आकार में ले आएं. 

3. इस आसन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहें. जबकि पैर हिप्स की सीध में रहेंगे. इस बात का ध्यान रहे कि आपके टखने यानी Ankle बाहर की तरफ रहेंगे.

4. अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें. आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें और अपनी निगाह को नाभि पर केन्द्रित करने की कोशिश करें.

5. इसी स्थिति में 20 से30 सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें और टेबल पोज में आते हुए वज्रासन में बैठ जाएं.
(Yogasanas for Flat Tummy Mind Fit)

अधोमुख श्वान आसन के लाभ

पेट की निचली मसल्स Lower Abdomen को मजबूत बनाए

अधोमुख श्वानासन में बनने वाली शरीर की स्थिति को अगर ठीक उल्टा किया जाए तो नौकासन बन जाता है, जो शरीर में पेट की निचली मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही रीढ़ को भी सहारा देता है. इस योगाभ्यास से भी वैसे ही लाभ मिलते हैं.

रक्त संचार बढ़़ाए Improves Blood Circulation

इस आसन में सिर दिल से नीचे की तरफ होता है जबकि आपके हिप्स ऊपर की तरफ उठे हुए होते हैं. इस पोजिशन में गुरुत्व बल की मदद से सिर की ओर नए रक्त की आपूर्ति बढ़ती है.

पाचन क्रिया में सुधार Improves Digestion

इस आसन से शरीर के भीतरी अंगों को भी अच्छी मसाज मिलती है. टांगें मुड़ने के कारण हमारे पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ता है और लीवर, किडनी और स्प्लीन या तिल्ली बेहतर काम करते हैं. 

हाथ और पैरों को टोन करे

अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करते हुए आपके शरीर का वजन पूरी तरह से हाथों और पैरों पर होता है. इससे इन दोनों अंगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह शरीर का सही संतुलन बनाने में मदद करती हैं.

एंजाइटी को करे कंट्रोल

इस आसन के अभ्यास के दौरान गर्दन और सर्विकल स्पाइन में खिंचाव पड़ता है. यह स्ट्रेस को दूर करने में काफी मदद करता है.
(Yogasanas for Flat Tummy Mind Fit)

सातवां आसन – धनुरासन Bow Pose

कैसे करें

1. योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं, पैरों को सटाकर रखें और हाथों को पैरों के पास रखें.

2. धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने यानी ankle को पकड़ें.

3. सांस भीतर की ओर खींचें और सीने को उठाएं और जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं. हाथों से पैरों को खीचें.

4. सामने की तरफ देखें और चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें.

5. अपना ध्यान सांसों की गति पर केंद्रित करने की कोशिश करें. शरीर धनुष की तरह खिंचा हुआ रहे. जबकि हाथ धनुष की डोरी का काम करेंगे.

6. तभी तक करें जब तक आप आसानी से आसन कर सकें. सांसें लंबी और गहरी लेते रहें.

7. करीब 15-20 सेकेंड के बाद, सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं.

धनुरासन के लाभ

1. धनुरासन का अभ्यास करने से पीठ और पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

2. इस आसन से गर्दन, सीना और कंधे चौड़े हो जाते हैं.

3. धनुरासन रोज करने से हाथों और पैरों की मांसपेशियां सुडौल बनती हैं.

4. इस आसन से पीठ में लचीलापन बढ़ता है.

5. धनुरासन को रोज करने से तनाव कम होता है.  

6. किडनी के संक्रमण से निपटने में भी धनुरासन मदद करता है.

आठवां आसन – अर्ध पूर्वोत्तासन Reverse Table Pose

कैसे करें

1. पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाते हुए बैठ जाएं.

2. पैरों को साथ में रखें, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.

3. हथेलियों को जमीन पर रखें, कमर के पास या कंधों के पास, अंगुलियों के सिरे शरीर से दूर, बाजुओं को सीधा रखें.

4. पीछे की ओर झुकें और हाथों से शरीर के वजन को सहारा दें.

5. सांस भरें, घुटने से ऊपर शरीर को सीधा रखते हुए उठाएं.

6. घुटनों को सीधा रखें, पांव को जमीन पर टिकाएं, पंजों को जमीन पर रखें, ऐसा करने पर तलवा जमीन पर ही रहेगा. सिर को जमीन की ओर पीछे जाने दें.

7. इसी अवस्था में सांस लेते रहें.

8. सांस छोड़ते हुए वापस आएं, बैठ जाएं, विश्राम करें.

9. अंगुलियों की दिशा को बदलते हुए मुद्राओं को दोहराएं.

10. हर बार 15 से 20 सेकंड्स तक अंतिम पॉजिशन को बनाए रखने की कोशिश करें.
(Yogasanas for Flat Tummy Mind Fit)

अर्ध पूर्वोत्तासन के लाभ

1. इससे कलाइयों, भुजाओं, कंधें,पीठ और रीढ़ को मजबूती मिलती है.

2. पैरों और कूल्हों का व्यायाम हो जाता है.

3. यह आसन श्वसन प्रक्रिया में सुधार करता है.

4. यह पेट और आंतों के अंगों में खिंचाव पैदा होता है.

5. यह आसन थायरॉयड ग्रंथि के लिए भी लाभदायक है.

नौवां आसन – उष्ट्रासन

कैसे करें

1. योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हाथ अपने हिप्स पर रख लें.

2. सुनिश्चित करें कि आपके घुटने और कंधे एक ही लाइन में हों और पैरों के तलवे छत की तरफ रहें.

3. सांस भीतर लें और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाएं. इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए.

4. इसे करने के दौरान अपनी कमर को पीछे की तरफ मोड़ें. धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं.

5. अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें. गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें.

6. इस आसन में 30 से 40 सेकेंड तक बने रहें. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें और पुरानी अवस्था में लौट आएं.

उष्ट्रासन के लाभ

1. ये आसन पाचन सुधारने में मदद करता है क्योंकि ये पेट के भीतर मौजूद सभी अंगों की हल्की मालिश करता है.

2. उष्ट्रासन के अभ्यास से सीने और पेट के निचले हिस्से से अतिरिक्त चर्बी कम होती है.

3. ये कमर और कंधों को मजबूत बनाता है.

4. ये कमर के निचले हिस्से में दर्द कम करने में मदद करता है.

5. इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है. शरीर का पोश्चर सुधारने में भी ये आसन मदद करता है.
(Yogasanas for Flat Tummy Mind Fit)

दसवां आसन – परिवृत्त पार्श्व कोणासन Revolved Side Angle Pose

कैसे करें

1. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं.

2. अब गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों के बीच 4-5 फीट की दूरी बनाते हुए फैलाएं.

3. अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को 90 डिग्री और बाएं पैर को 60 डिग्री घुमाएं.

4. अब दाएं पैर के घुटने को मोड़े और बाएं पैर के जांघ को सतह के समानान्तर ले जाएं.

5. अब बाएं पैर को सीधा करें. और शरीर को दाएं तरफ मोड़ें.

6. ध्यान रखें कि दाएं पैर को सतह पर लगाकर रखें, वहीं हाथों को नमस्ते मुद्रा में भी आप रख सकते हैं.

7. नजर ऊपर आसमान की ओर रखें.

परिवृत्त पार्श्व कोणासन के लाभ

1. इस आसन को करने से पांव, घुटने और कोहनी की मांसपेशियां व हड्डियां मजबूत होती हैं.

2. इससे कमर, रीढ़, छाती और फेफड़े के साथ कंधों की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है.

3. पेट के भीतरी अंगों की एक्सरसाइज हो जाती है जिससे वे सामान्य की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह काम करते हैं.

4. इससे व्यक्ति का स्टेमिना भी बढ़ता है.

5. यह डायजेशन में सुधार करता है और कई तरह की बीमारियों से बचाता है.

6. शरीर का  बैलेंस अच्छा होता है.

7. इस आसन से इनफर्टिलिटी, लो बैक पेन, ऑस्टियोपोरोसिस (Ostioporosis) और साइटिका की बीमारी से लोगों को काफी राहत मिलती है.

8. यह कब्ज यानी कॉन्स्टिपेशन की समस्या को दूर करता है.

9. इस आसन से हृदय के आस-पास के मसल्स को भी स्ट्रांग करने में सफलता मिलती है.
(Yogasanas for Flat Tummy Mind Fit)

-सुंदर चंद ठाकुर

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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.

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