Featured

अक्षय तृतीया को खुलेंगे यमनोत्री धाम के कपाट

समुद्र तल से दस हजार मीटर की उंचाई पर स्थित यमनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में है. चार धाम यात्रा की शुरुआत यमनोत्री से ही शुरू होती है.

यमुना सूर्य की पुत्री मानी जाती है और मृत्यु के देवता यम की बहिन मानी जाती है. इसीकारण यमुना नदी को सूर्यतनया और यमी भी कहा जाता है. कहा जाता है कि यमुनोत्री धाम के पास असित मुनि का निवास था कहा जाता है कि असित मुनि ने यमुना की खोज की थी.

यमनोत्री मंदिर का अधिकांश हिस्सा गढ़वाल के राजा सुदर्शन शाह ने लकड़ी से बनवाया था. मंदिर का वर्तमान स्वरूप गढ़वाल नरेश प्रतापशाह ने बनवाया था. एक भूकम्प में मंदिर को हुई क्षति के बाद जयपुर की महारानी गुलेरिया ने इसका पुनर्निर्माण कराया.

यमनोत्री धाम के पास ही एक तप्त कुंड है. इसे सूर्यकुंड कहा जाता है. इसी के पास एक ठंडे पानी का कुंड भी है इस कुंड को गौरी कुंड है.

यमनोत्री धाम फेसबुक पेज से साभार

यमनोत्री धाम के कपाट प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं. इस वर्ष अक्षय तृतीया 7 मई को है इस तरह साल 2019 में यमनोत्री धाम के कपाट 7 मई को खलेंगे. यह रोचक विषय है कि इस वर्ष गंगोत्री धाम के कपाट भी 7 मई को ही खुलने हैं.

यमनोत्री में स्थित सभी तप्त कुंडों में सबसे तप्त कुंड सूर्यकुंड ही है. यमनोत्री धाम में प्रसाद के रूप चावल और आलू को एक कपड़े की पोटली में रखा जाता है. इन्हें सूर्य कुंड में डाला जाता है जिससे आलू और चावल पक जाते हैं जिसे प्रसाद के रुप में ग्रहण किया जाता है.

यमुनोत्री में सूर्यकुंड, दिव्यशिला और विष्णुकुंड के स्पर्श और दर्शन मात्र से लोग समस्त पापों से मुक्त होकर परमपद को प्राप्त हो जाते हैं.

– काफल ट्री

वाट्सएप में काफल ट्री की पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें. वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

इन्हें भी पढ़िये :

झूठे का मंदिर चम्पावत

आदि बद्री मंदिर की तस्वीरें

ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले की तस्वीरें

पार्वती की ख़ुशी है फुल्यारी की संग्रांद

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago