सुन्दर चन्द ठाकुर

उत्तराखंड के उन्मुक्त चंद ने अमेरिका में खेली आतिशी पारी

अमेरिका में प्रोफेशनल क्रिकेट खेल रहे दाएं हाथ के बल्लेबाज उत्तराखंड के उन्मुक्त चंद ने एक बार फिर अपने बल्ले का दम दिखाया है. उनमुक्त चंद ने अमेरिका के सबसे बड़े टूर्नामेंट माइनर क्रिकेट लीग में  सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स की कप्तानी करते हुए महज 69 गेंदों में 132 रन बना डाले.
(Video Unmukt Chand 132* in 69 Balls)

उन्मुक्त चंद की इस पारी के दम पर सिलिकॉन वैली ने ऑस्टिन एथलेटिक्स को 6 विकेट से हरा दिया. ऑस्टिन एथलेटिक्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट पर 184 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया था लेकिन अकेले उन्मुक्त चंद ने सिलिकॉन वैली को जीत दिला दी.

उन्मुक्त चंद ने 69 गेंदों में नाबाद 131 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 191 से ज्यादा का रहा और अपनी पारी में इस टैलेंटेड बल्लेबाज ने 15 चौके और 7 छक्के लगाए. मतलब उन्मुक्त ने छक्के-चौकों से ही 102 रन बना डाले. बता दें उन्मुक्त चंद जहां छक्कों-चौकों की बरसात कर रहे थे, उनकी टीम के दूसरे बल्लेबाज रन बनाने में जूझ रहे थे. कोई दूसरा बल्लेबाज 20 रन तक के स्कोर तक भी नहीं पहुंच पाया. लेकिन उन्मुक्त ने अकेले ही ताबड़तोड़ शतक ठोक टीम को जीत दिला दी.
(Video Unmukt Chand 132* in 69 Balls)

उन्मुक्त चंद ने महज 52 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. इस बल्लेबाज ने छक्का जड़ अपनी सेंचुरी पूरी की और अंत में अपनी टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया. उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के रहने वाले उन्मुक्त चंद ने कुछ महीने पहले ही भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेकर अमेरिका में खेलना शुरू किया है.

तीन साल बाद वह अमेरिका की नैशनल टीम के लिए खेल पाएंगे. माइनर लीग में अब तक वह 14 पारियों में 53 की औसत से 532 रन बना चुके हैं. उन्मुक्त चंद अमेरिका में भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के बीच बहुत लोकप्रिय हो चुके हैं. अमेरिका में रह रहे उत्तराखंड के लोग इस क्रिकेटर के दीवाने हो रहे हैं.
(Video Unmukt Chand 132* in 69 Balls)

-सुंदर चंद ठाकुर

इसे भी पढ़ें: 

डायजनिस और भूखा शेर- इस कहानी से सीख लें

लेखक के प्रेरक यूट्यूब विडियो देखने के लिए कृपया उनका चैनल MindFit सब्सक्राइब करें

कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच

मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…

2 weeks ago

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

3 weeks ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

3 weeks ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 weeks ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

3 weeks ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

3 weeks ago