हैडलाइन्स

पिथौरागढ़ के कैलाश कुमार को मिला प्रतिष्ठित ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां’ सम्मान

पिथौरागढ़ के कैलाश कुमार को वर्ष 2021 के लिए निर्देशन क्षेत्र में ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार’ दिया जायेगा. ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार’ संगीत नाटक अकादमी द्वारा कला के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है. वर्ष 2006 से दिया जाने वाला यह पुरस्कार 40 वर्ष के कम उम्र के ऐसे कलाकारों को दिया जाता है जो कला क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं हैं.      
(Ustad Bismillah Khan Yuva Puraskar 2021)

पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट तहसील में एक छोटा सा गांव है मझेड़ा. कैलाश कुमार की जड़ें इसी गांव से जुड़ी हैं. कैलाश कुमार की परवरिश और शिक्षा-दीक्षा दिल्ली जैसे बड़े महानगर में हुई पर अपने लोक और जड़ों के प्रति उनका घर लगाव ही ही था कि उन्होंने मैदानों के आसान रास्तों को छोड़कर पहाड़ की कठिन चट्टानों से उलझने का रास्ता चुना.

कला के क्षेत्र में ख़ासे अनुभव को समेटकर दिल्ली को अलविदा कहकर साल 2012 में उन्होंने पिथौरागढ़ में अपनी सांस्कृतिक गतिविधियाँ शुरू कर दीं. युवा कैलाश की मेहनत 2014 में ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ के रूप में साकार हुईं. ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ का मुख्यालय बना पिथौरागढ़. (Ustad Bismillah Khan Yuva Puraskar 2021)

कैलाश की ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ ने पिथौरागढ़ में लगभग समाप्त हो चुके रंगमंच को पुनर्जीवित किया. अब पिथौरागढ़ के युवा न सिर्फ रंगमंच का सपना देखने लगे बल्कि इस दुर्गम जिले से प्रतिष्ठित माने जाने वाले नाट्य विद्यालयों के दरवाजे खटखटाकर उनके भीतर दाखिल हुए. ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ ने पिथौरागढ़ में बाकायदा नाट्य समारोह आयोजित किये, जिनमें देश के दिग्गज रंगकर्मियों ने प्रस्तुतियां दीं. ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ के आयोजनों में जुटने वाली भारी भीड़ इस बात की गवाह है कि उत्तराखण्ड के दुर्गम इलाके तक रंगमंच का रस खूब पीना चाहते हैं.

कैलाश कुमार ने पिथौरागढ़ में न सिर्फ रंगमंच को पाला पोसा बल्कि स्थानीय लोक कलाओं के संरक्षण और प्रचार-प्रसार का काम भी बखूबी किया. दूरदर्शन और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर वैष्णव जन तो तेने कहिये भजन का इंस्ट्रूमेंटल तैयार किया गया. भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में उत्तराखण्ड के 3 वाद्य यंत्रों को भी प्रतिनिधित्व मिला- हुड़का, थाली और मशकबीन. यह कैलाश कुमार और उनकी ‘भाव राग ताल अकादमी’ की वजह से ही संभव हुआ. अकादमी हिलजात्रा के संरक्षण के साथ ही उसका देश के कई इलाकों में प्रदर्शन भी किया करती है.

कैलाश कुमार ने अकादमी के माध्यम से उत्तराखण्ड के लोक वाद्य और अन्य साजो-सामान बनाने वाले कारीगरों को भी संरक्षण व रोजगार दिया. वे पिथौरागढ़ के लाउडन फोर्ट पर बाकायदा एक स्टोर में स्थानीय कारीगरों के शिल्प को प्रदर्शन के लिए रखते हैं और चाहने वालों को उसे सहज उपलब्ध करवाते हैं.

वर्तमान में कैलाश कुमार और उनकी संस्था ‘भाव, राग, ताल नाट्य अकादमी’ देश और दुनिया में पहाड़ के लोक की ख़ुशबू बिखेर रही है. लोक परम्पराओं पर मजबूत धरातलीय काम करने वाले युवा कैलाश बंजर होते पहाड़ की धरती पर अंकुरित ऐसा पौधा है जो नई उम्मीद और हौसला देता है.      

कैलाश कुमार का पूरा सफ़र यहां पढ़िये : उत्तराखण्डी लोकसंस्कृति की अलख बनते और नयी उम्मीद जगाते युवा

‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार’ के तहत कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए 25,000 रूपये की धनराशि के साथ सम्मानित किया जाता है. कलाकारों को यह पुरस्कार संगीत नाट्य अकादमी के चेयरमैन द्वारा दिया जाता है.  
(Ustad Bismillah Khan Yuva Puraskar 2021)

काफल ट्री फाउंडेशन

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

1 week ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

2 weeks ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

2 weeks ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

2 weeks ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

2 weeks ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

2 weeks ago