Tribute

1962 एशियाड में फुटबॉल का गोल्ड दिलाने वाले चुन्नी गोस्वामी नहीं रहे

“स्पोर्ट्समैन स्पिरिट कहाँ है तुम लोगों की?” पिता कमर पर हाथ रखकर बोल रहे थे. मिंयादाद ने अभी-अभी चेतन शर्मा…

4 years ago

इस ख़राबे में कोई मर्द कहां – फ़हमीदा रियाज़ को श्रद्धांजलि

कब तक मुझ से प्यार करोगे? कब तक? जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा जब…

5 years ago

विष्णु खरे पर असद ज़ैदी का मोहब्बतनामा

इस रूप में वह हमारे सबसे क़ीमती समकालीन थे - असद ज़ैदी पंद्रह नवम्बर 2017 की शाम दिमाग़ में नक़्श…

6 years ago

पहाड़ के एक प्रखर वक्ता का जाना

वह ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल और ज़मीन…

6 years ago

विष्णु खरे: बिगाड़ के डर से ईमान का सौदा नहीं किया

विष्णु जी नहीं रहे. हिंदी साहित्य संसार ने एक ऐसा बौद्धिक खो दिया, जिसने ‘बिगाड़ के डर से ईमान’ की बात…

6 years ago

नहीं रहे विष्णु खरे

[हिन्दी के वरिष्ठ  कवि और प्रतिष्ठित सम्पादक-अनुवादक विष्णु खरे का आज निधन हो गया. अनेक भाषाओं के ज्ञाता और संगीत-सिनेमा…

6 years ago