Ranibagh

तब काठगोदाम से नैनीताल जाने के लिए रेलवे बुक करता था तांगे और इक्के

1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब 'अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं' में आज से कोई 120 बरस…

5 years ago

ग्रामीण मेलों के आयोजन में साफ दिखता है प्रशासन का भेदभाव

असंख्य मेले लगते हैं हर साल उत्तराखंड में उत्तराखंड सरकार का संस्कृति मंत्रालय अपनी संस्कृति को बचाने के नाम पर…

6 years ago

उपनयन संस्कार की परंपरा है रानीबाग के उत्तरायणी मेले में

कत्यूरियों के समय का है रानीबाग का चित्रेश्वर मंदिर उत्तरायणी (Uttarayani) यानी  मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) के दिन नैनीताल (Nainital)…

6 years ago

मकर संक्रांति: रानीबाग में वीरांगना जियारानी की पूजा

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर रानीबाग (हल्द्वानी) में जियारानी का मेला लगता है. मकर संक्रांति (उत्तरायणी) के अवसर…

6 years ago

उत्तराखंड की पहली अद्भुत वीरांगना – जियारानी

संसाधनहीनता के कारण उत्तराखण्ड के नायक-नायिकाओं को वो स्थान नहीं मिल पाया; जिसके वे पात्र थे. इसमें इतिहासकारों की कंजूसी…

6 years ago