Poem by Mukut Bihari Saroj

तुम होगे साधारण ये तो पैदाइशी प्रधान हैंतुम होगे साधारण ये तो पैदाइशी प्रधान हैं

तुम होगे साधारण ये तो पैदाइशी प्रधान हैं

इन्हें प्रणाम करो ये बड़े महान हैंदंत-कथाओं के उद्गम का पानी रखते हैंपूंजीवादी तन में मन भूदानी रखते हैंइनके जितने…

5 years ago