मैं कुछ दिन पहले पूर्णागिरी मंदिर गयी थी तो मैंने देखा कि घुरड़ और बंदर मंदिर से फेंके गये कूड़े…
अस्सी के दशक के शुरुआती वर्षों के दौरान मेरे गाँव के लोग स्थायी गाँव से दूर खेड़े (मंजरों) में जमीन…