Nostalgia and Future by Prabhat Upreti

कभी छत में आने की फुर्सत तो निकालो प्यारे

मेरे दार्शनिक बाबूजी कहते थे, जिंदगी में सुखी रहोगे अगर ये अंदर बिठा लो 'ये भी न रहेगा’. इस सूत्र…

5 years ago