Holi tradition

फागुन को पौड़ी के बड़े याकूब का इन्तजार रहता है

होली है जो बैरभाव को जगाती है और न जात-पात को देखती है और न छोटे-बड़े का भेद समझती है.…

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बच्चों ने भरे थे टिहरी की होली में रंग

हिमालय की उपत्यका में बसा गढ़वाल यूं तो अपनी, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक आस्थाओं की वजह से अपनी गौरवमयी छवि…

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कभी तो खिलेंगे इन डारिन वे फूल : सतराली में होली की यादें

मेरा बचपन अल्मोड़ा के समीप सतराली में बीता. सतराली की होली प्रसिद्व थी. बसन्त पंचमी से होली गायन आरम्भ होता…

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खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर : गढ़वाली होरी के गीत

वसन्त ऋतु में होली का विशेष महत्व है. गढ़वाल में होली को होरी कहा जाता है. इस नृत्यगीत में ब्रजमंडल…

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