Bhushan

दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन

दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन - (२)बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुएदिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत…

5 years ago