साथियों की त्योरियां चढ़ने पर पंकज मुस्करा दिया. उसने सफाई दी, "अरे! कोर्स में यही सब सिखाया जाता है... क्या…
गुंजी से निकलते-निकलते आठ बज गए. आगे लंबे मैदान में एक जगह एक शिलापट्ट स्थापित था. ऐसा लग रहा था…
दोपहर को फिर घूमने का मन हुआ तो गर्ब्यांग गांव से आगे काली नदी की ओर निकल गए. काली नदी…
सुबह जागे तो मौसम ठंडा और खुशनुमा था. चाय पीने के बाद कुछ देर आंगन में धूप के इंतजार में…
अप्रतिम छियालेख 3350 मीटर की ऊंचाई पर हैं. चारों ओर बुग्याली फूल जैसे खुश होकर झूम रहे थे. मन तो…
लगभग 2018 मीटर की ऊंचाई पर आज की रात हम मालपा में थे. 17 अगस्त 1998 की दुर्भाग्यशाली रात इस…
घटियाबगड़ में कुछ दुकानें दिखाई दी थीं. इनमें जरूरत भर का सामान भी मौजूद था. यहां गांवों में बनने वाली…
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 4 दारचूला से एक बार फिर काली नदी के झूला पूल को पारकर…
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 3 हमारे पास समय था तो नदी पार दारचूला जाने की योजना बनी.…
हम होंगे सिनला पार एक दिन - 2 वैन आगे बढ़ी तो मन में दारमा-व्यास की रहस्यमयी घाटियों की अनदेखी…