हिन्दी कविता

तुम मेरे इस जनम का अंतिम प्रेम होतुम मेरे इस जनम का अंतिम प्रेम हो

तुम मेरे इस जनम का अंतिम प्रेम हो

अंतिम प्रेम -चंद्रकांत देवताले हर कुछ कभी न कभी सुन्दर हो जाता हैबसन्त और हमारे बीच अब बेमाप फासला हैतुम…

6 years ago
थोड़ा अधिक आदमी होकर देखेंगे तोथोड़ा अधिक आदमी होकर देखेंगे तो

थोड़ा अधिक आदमी होकर देखेंगे तो

  चन्द्रकान्त देवताले 7 नवंबर 1936 को जौलखेड़ा, बैतूल (मध्य प्रदेश) में जन्मे चन्द्रकांत देवताले समकालीन हिन्दी कविता के सबसे…

6 years ago
माँ पर नहीं लिख सकता कवितामाँ पर नहीं लिख सकता कविता

माँ पर नहीं लिख सकता कविता

  चन्द्रकान्त देवताले 7 नवंबर 1936 को जौलखेड़ा, बैतूल (मध्य प्रदेश) में जन्मे चन्द्रकांत देवताले समकालीन हिन्दी कविता के सबसे…

6 years ago
ऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिएऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिए

ऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिए

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
जब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहलजब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहल

जब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहल

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
जिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतरजिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतर

जिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतर

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 4 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago