रामनगर की लीची

तराई-भाबर की लीची न खाई तो क्या खाया

लीची आ गई हैं. बाग-बगीचों में, वहां से तोड़कर बाजारों में और मेरे घर पर भी. लीची मेरा प्रिय फल…

6 years ago