उत्तराखण्ड के पारंपरिक वाद्ययंत्रों, ढोल-दमाऊ, डौंर-थाली, मसकबीन, की धुन पर लोकभाषा में स्कूली वंदना की कल्पना गढ़वाल में साकार हो…