पुरानी चिठ्ठियाँ

लिखता हूँ ख़त खून से स्याही न समझाना

ख़तो-किताबत-शंभू राणा             क़ासिद के आते-आते ख़त एक और लिख रखूं,            मैं   जानता   हूँ, जो   वो   लिखेंगे   जवाब   में ख़तो-किताबत के प्रति ऐसी बेताबी…

5 years ago