‘ गिर्दा ‘

जन्मदिन पर गिर्दा की याद

गिर्दा एक खूबसूरत आदमी थे. उम्दा कोनों, सतहों, गहराइयों-उठानों वाला तराशा हुआ गंभीर चेहरा और आलीशान जुल्फें. और बात करने…

5 years ago

जनकवि गिर्दा को उनकी पुण्य तिथि पर याद किया

गीत और झोडे़ गाकर दी श्रद्धांजलि अल्मोड़ा. रिमझिम बारिश की फुहारों के साथ जब स्वागत की छत माल रोड-अल्मोड़ा में…

5 years ago

रंग डारि दियौ हो अलबेलिन में – पहाड़ी होली पर गिर्दा का आलेख

काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने 'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन…

6 years ago

गिर्दा का केदारनाद

विगत कुछ सालों से महानगरों में खप रहे युवाओं के बीच पहाड़ लौटकर कुछ कर गुजरने का एक नया, सकारात्मक…

6 years ago

रामलीला के बहाने नये – नये प्रयोग भाग : 2

पिछली कड़ी तो एक बार भवाली की टीम को ‘राम वनवास’ वाला प्रसंग मिला प्रस्तुति के लिये. राम-लक्ष्मण का वनवासी…

6 years ago

रामलीला के बहाने नये – नये प्रयोग भाग : 1

कुमाऊॅं (उत्तराखण्ड) में प्रचलित रामलीला सम्भवतः संसार का एक मात्र ऐसा गीत नाट्य है जो ग्यारह दिनों तक लगातार क्रमशः…

6 years ago