गंगोत्री गर्ब्याल

अपने गांव फिर आना प्यारी दीदी, प्यारी बेटी: गंगोत्री गर्ब्याल की याद

गंगोत्री गर्ब्याल की आत्मकथा ‘यादें’ की भूमिका में-डा. आर.एस.टोलिया के लिखा है - ‘‘प्रसिद्ध इतिहासविद् डा. शिव प्रसाद डबराल ने…

5 years ago

चावल भलौ आछाम को, लूण भलौ कुटी को : गंगोत्री गर्ब्याल का लेख

बचपन का धारचूला गंगोत्री गर्ब्याल जिस दिन कुंचा धारंचूला पहुंचता, उस दिन की खुशी का कोई पार नहीं. चित्त अति…

6 years ago

सीमान्त से निकली पहली ग्रेजुएट महिला गंगोत्री गर्ब्याल

गंगोत्री गर्ब्याल : उत्तराखण्ड की अथक समाजसेवी महिला   उत्तराखण्ड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के धारचूला में साढ़े दस हजार…

6 years ago