खांटी

कवि कहना शर्म के चलते अब छोड़ दिया है

कुछ ख़बरें इतने चुपचाप से आकर निकल जाती हैं कि समकालीन हिंदी साहित्य समाज उसका नोटिस ही नहीं ले पाता.…

5 years ago