केशव भट्ट

छियालेख के बुग्याल में मरी हुई चिड़िया के फुर्र होने का जबरदस्त किस्साछियालेख के बुग्याल में मरी हुई चिड़िया के फुर्र होने का जबरदस्त किस्सा

छियालेख के बुग्याल में मरी हुई चिड़िया के फुर्र होने का जबरदस्त किस्सा

अप्रतिम छियालेख 3350 मीटर की ऊंचाई पर हैं. चारों ओर बुग्याली फूल जैसे खुश होकर झूम रहे थे. मन तो…

5 years ago
अनगितन सीढ़ियों वाले इस घुमावदार खड़े रास्ते के बाद छियालेख का मखमली बुग्यालअनगितन सीढ़ियों वाले इस घुमावदार खड़े रास्ते के बाद छियालेख का मखमली बुग्याल

अनगितन सीढ़ियों वाले इस घुमावदार खड़े रास्ते के बाद छियालेख का मखमली बुग्याल

लगभग 2018 मीटर की ऊंचाई पर आज की रात हम मालपा में थे. 17 अगस्त 1998 की दुर्भाग्यशाली रात इस…

5 years ago
जिन चट्टानों को देख कमजोर दिल सहम जाते हैं वहां पहाड़ की महिलायें घास काटती हैंजिन चट्टानों को देख कमजोर दिल सहम जाते हैं वहां पहाड़ की महिलायें घास काटती हैं

जिन चट्टानों को देख कमजोर दिल सहम जाते हैं वहां पहाड़ की महिलायें घास काटती हैं

घटियाबगड़ में कुछ दुकानें दिखाई दी थीं. इनमें जरूरत भर का सामान भी मौजूद था. यहां गांवों में बनने वाली…

5 years ago
सिनला की यात्रा के दौरान घटियाबगड़ में भूस्खलन का भयानक मंजरसिनला की यात्रा के दौरान घटियाबगड़ में भूस्खलन का भयानक मंजर

सिनला की यात्रा के दौरान घटियाबगड़ में भूस्खलन का भयानक मंजर

हम होंगे सिनला पार एक दिन – 4 दारचूला से एक बार फिर काली नदी के झूला पूल को पारकर…

5 years ago
बागेश्वर के बारातियों का ठगी के शिकार होने का किस्साबागेश्वर के बारातियों का ठगी के शिकार होने का किस्सा

बागेश्वर के बारातियों का ठगी के शिकार होने का किस्सा

हम होंगे सिनला पार एक दिन – 3 हमारे पास समय था तो नदी पार दारचूला जाने की योजना बनी.…

5 years ago
बारिश से बेहाल सड़कें और धारचूला में इनर लाइन परमिट की जद्दोजहदबारिश से बेहाल सड़कें और धारचूला में इनर लाइन परमिट की जद्दोजहद

बारिश से बेहाल सड़कें और धारचूला में इनर लाइन परमिट की जद्दोजहद

हम होंगे सिनला पार एक दिन - 2 वैन आगे बढ़ी तो मन में दारमा-व्यास की रहस्यमयी घाटियों की अनदेखी…

5 years ago
बागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआतबागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआत

बागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआत

वर्ष 2001 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस कोर्स करने के बाद प्रातःकालीन भ्रमण का एक नियम सा बन गया…

5 years ago
कितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीतीकितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीती

कितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीती

बीते दिन पिंडर घाटी के अंतिम गांव खाती के तारा सिंह उर्फ तरदा से मुलाकात हुई. वे अपनी बिटिया को…

5 years ago
पर्यटन प्रदेश में न कुछ बदला था न बदला हैपर्यटन प्रदेश में न कुछ बदला था न बदला है

पर्यटन प्रदेश में न कुछ बदला था न बदला है

अपनी चार साल पुरानी एक महत्वपूर्ण पोस्ट को आज फेसबुक पर शेयर करते हुए बागेश्वर के हमारे साथी केशव भट्ट…

6 years ago
पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़

पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़

एक तो बचपन ऊपर से वो भी गांव का. अलमस्त सा. घर वाले गालियों से नवाजते थे, और 'भूत' हो…

6 years ago