कविता

तब देख बहारें होली की

अठारहवीं शताब्दी के आगरा के शायर नजीर अकबराबादी (Nazeer Akbarabadi 1740-1830) ने अपने आसपास के साधारण जीवन पर तमाम कविताएँ…

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कितनी-कितनी लड़कियां भागती हैं मन ही मन

भागी हुई लड़कियां  -आलोक धन्वा एक घर की जंजीरें कितना ज्यादा दिखाई पड़ती हैं जब घर से कोई लड़की भागती…

6 years ago