बाहर मैं … मैं अन्दर

जिसके हाथों रास है, वो खच्चर का ख़ास है

अंतर_देस_इ (शेष कुशल है) ओए नागरिक अमाँ बाशिंदे अबे देसवासी जियो... बसो... फलो तुम्हारा ख़त (मत) मिला. बहुत उत्साह में…

6 years ago