पहाड़ और मेरा जीवन – 48 (पिछली क़िस्त: पुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैं) पुरानी चीजें सहेजकर…
पहाड़ और मेरा बचपन – 14 (पिछली क़िस्त : और इस तरह जौ की ताल ने बचाई इज्जत, मैंने मां…
पहाड़ और मेरा बचपन – 13 (पिछली क़िस्त : और हम वापस पहुंचे पहाड़ों की गोद में, ठुलीगाड़ बना पिथौरागढ़…