ओ भीना कसी के जानू द्वारहाटा, हिट साई कौतिक जानू द्वारहाटा… उत्तराखण्ड के रहने वाले लोगों ने और ख़ासकर अल्मोड़ा और कुमाऊँ के रहने वालों ने ये गीत ज़रूर सुना होगा. उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी विशिष्ठ पहचान रखने वाला गोपाल बाबू गोस्वामी के द्वारा गाया गया यह गीत पहाड़ के लोगों के बीच ख़ासा लोकप्रिय है.
(Syalde Bikhoti Mela Photos 2024)
द्वाराहाट में पिछले कई वर्षों से हर साल होने वाले स्याल्दे बिखौती के कौतिक (मेले) के लिए लिखा यह गीत द्वाराहाट में लगने वाले इस मेले में जाने और वहाँ के लोक और संस्कृति के प्रति उत्सुकता जगाता है.
स्याल्दे बिखौती के इस मेले में द्वाराहाट के आसपास के गाँव से लोग अपने गाँव के ढोल, दमाऊ, नरसिंग और निशाण लेकर खेतों के बीच में बने रास्तों से होते हुए मेला स्थल तक भगनोल, बैर और झोड़े गाते हुए पहुँचते हैं. रास्ते भर महिलायें और बच्चे इनके साथ साथ रहते हैं और इस परंपरा के साक्षी बनते हैं.
(Syalde Bikhoti Mela Photos 2024)
अलग-अलग दिशाओं से आकर जब ये लोग आपस में मिलते हैं तो अदभुत दृश्य बनता है पूरे जोश और उत्साह के साथ पूरा द्वाराहाट गूंज उठता है ऐसा लगता है जैसे कई संस्कृतियों और ऊर्जाओं का संगम हो रहा हो.
हुड़का लेकर टोलियों में भगनोल गाते बुजुर्ग एक अलग ही माहौल बना रहे होते हैं और बीच सड़क को आँगन बना कर झोड़ा गाती महिलायें और बच्चियाँ स्याल्दे बिखौती के इस कौतिक में डूबी नज़र आती हैं.
(Syalde Bikhoti Mela Photos 2024)
आप भी देखिए इस साल पिछले दिनों सम्पन्न हुए द्वाराहाट के स्याल्दे बिखौती के मेले की ताज़ा तस्वीरें – (फोटो एवं विवरण काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट, हिमालयन जेफर, की फेसबुक से लिया गया है.)
जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.
इसे भी पढ़ें: होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…