Default

पहाड़ों में पिछले एक महीने से खेतों में उत्सव का माहौल है

पहाड़ों में पिछले एक महीने से खेतों में उत्सव का माहौल है. बरसात अपने साथ ख़ुशियाँ भी लेकर आती है, ये वक़्त होता है जब पहाड़ की ज़िन्दादिल और हमेशा खुश दिखने वाली महिलायें अपने सबसे प्रिय स्थान खेतों में होती हैं और नाचते गाते उनमें रोपाई कर रही होती हैं.
(Ropai Photos 2024)

उनका उत्साह दोगुना हो जाता है जब हुड़का बौल लगता है जिसमें हुड़किया (हुड़का बजाने वाला और लोक गीत गाने वाला) उनके साथ इस रोपाई उत्सव में शामिल हो जाता है. इन्हें नाचते गाते देखना पूरे पहाड़ को नाचते देखने जैसा है.

अल्मोड़ा की मनोरम सोमेश्वर और लोध घाटी के खेतों में पूरे उल्लास के साथ रोपाई करती महिलायें को देख कर लगता है जैसे इतनी मेहनत के बाद भी वो रोपाई को एक त्यौहार की तरह ही मनाती हैं.
(Ropai Photos 2024)

हुड़किया बोल की ये दम तोड़ती परंपरा उत्तराखण्ड के पहाड़ों में अभी भी सोमेश्वर की लोध घाटी के झुपुलचौरा के मालौज ग्रामवासी राजेंद्र राम जैसे लोक गायकों के बूते ज़िंदा है. लोध घाटी, बले गाँव, सोमेश्वर, उत्तराखण्ड, 14 जुलाई 2024.
(Ropai Photos 2024)

(फोटो एवं विवरण काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट, हिमालयन जेफर, की फेसबुक से लिया गया है.)

फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट

जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी पढ़ें: मखमली दुनिया के सफ़र में : फोटो निबंध

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

‘गया’ का दान ऐसे गया

साल 1846 ईसवी. अवध के कैंसर से जूझते नवाब अमजद अली शाह अपने अंतिम दिन…

4 hours ago

कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी

इस पहाड़ से निकल उस पहाड़कभी गुमसुम सी कभी दहाड़यूं गिरते-उठते, चलते मिल समंदर से…

3 days ago

यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…

मुनस्यारी में एक छोटा सा गांव है सुरिंग. गांव से कुछ तीन किलोमीटर की खड़ी…

5 days ago

कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध

हिलजात्रा एक ऐसी परंपरा जो पिछले 500 सालों से पिथौरागढ़ के कुमौड़ गाँव में चली…

6 days ago

शो मस्ट गो ऑन

मुझ जैसा आदमी... जिसके पास करने को कुछ नहीं है... जो बिलकुल अकेला हो और…

2 weeks ago

सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल

किसी भी समाज के निर्माण से लेकर उसके सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में शिक्षा की …

2 weeks ago