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अंग्रेजों के ज़माने में रॉबर्स केव कहलाता था देहरादून का गुच्चुपानी

देहरादून में देहरादून की व्यस्त और प्रदूषित सड़कों से बाहर निकलकर कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो बेहद खूबसूरत और सुकुन भरी हैं. देहरादून से मात्र 8 किमी. की दूरी पर ऐसी ही एक जगह है गुच्चुपानी. गुच्चुपानी को ब्रिटिशर्स रॉबर्स केव भी कहते थे और इसे डाकू गुफा के नाम से भी जाना जाता है पर स्थानीय लोगों में गुच्चुपानी नाम ही प्रचलन में है.

इसे ब्रिटिशर्स ने रॉबर्स केव नाम इसलिये दिया था क्योंकि उस समय जब डाकू डकैती किया करते थे तो उसके बाद वो सामान सहित इन गुफाओं में छिप जाया करते थे. अंग्रेज सेना यहाँ पहुंच नहीं पाती थी क्योंकि इसके गुफा के रास्ते बेहद रहस्यमय थे. जिस कारण डकैत यहाँ से बच के निकलने में कामयाब हो जाते थे.

650 मीटर लम्बी यह गुफा आज भी उतनी ही रहस्यमय है जितनी की तब थी पर अब ये गुफा एक पर्यटन स्थल बन चुकी है और दूर-दूर से लोग इस जगह का आनन्द लेने के लिये आते हैं. इस गुफा के अंदर एक नदी भी बहती है जो बारिश के दिनों में बहुत गहरी हो जाती है पर आम दिनों में इस पर पानी घुटनों के नीचे ही रहता है. इस पानी में चलना बहुत सुकुन भरा एहसास है.

नदी का पानी इतना साफ है कि इसके तले तक को आराम से देखा जा सकता है. गुफा के अंदर छोटे-छोटे पानी के झरने भी दिख जाते है. इनमें सबसे बड़े झरने की ऊँचाई 10 मीटर है. इस गुफा की दीवारें चूना पत्थरों से बनी हैं और ये गई जगहों में बहुत संकरी हो जाती है.

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विनीता यशस्वी

विनीता यशस्वी नैनीताल में रहती हैं. यात्रा और फोटोग्राफी की शौकीन विनीता यशस्वी पिछले एक दशक से नैनीताल समाचार से जुड़ी हैं.

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Girish Lohani

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