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जिस सड़क को सरकार सालों में नहीं बना पाई उसे गाँव लौटे युवा बना रहे हैं

वर्षों से सड़क की आस लगाये हुये गंगोलीहाट के टुंडाचौड़ा गांव वासियों को इस बार गांव की युवाशक्ति ने एक नई उर्जा प्रदान की है. जिस सड़क के लिये टुंडाचौड़ा गांव के लोग न जाने कितने सालों से शासन प्रशासन के आगे पीछे घूम रहे थे उसे पूरा करने का जिम्मा अब गांव के युवाओं ने लिया है. इस मुहीम का नेतृत्व किया है युवा महिला ग्राम प्रधान मनीषा बिष्ट ने जिन्होंने रिवर्स पलायन की भी मिसाल दी है.
(Reverse Migration in Stories Uttarakhand)

टुंडाचौड़ा गांव से तीन किलोमीटर की दूरी की यह महत्वपूर्ण सड़क मुख्य सड़क गंगोलीहाट से खीरमांडे होते हुए शेराघाट (अल्मोड़ा) जानी वाली सड़क से मिलनी है जिसके लिये कई बार सरकारों और सरकारी विभागों के समक्ष बात रखने के बाद भी संज्ञान में लिये जाने से निराश गांव के युवाओं ने अब किसी भी सरकारी वितीय एवं मशीनरी सहायता के बिना अभी तक दस दिन में लगभग 900 से 1100 मीटर तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया है और ठाना है कि इसे पूरा भी करेंगे. 

गांव के युवाओं की इस मुहीम को सोशियल मिडिया में भी काफी सराहा जा रहा है जिससे गांव के युवाओं का उत्साह दोगुना बड़ रहा है. गांव के लोगों द्वारा सड़क के निर्माण के लिये बीच में आने वाली अपनी-अपनी उपजाऊ खेती की जमीन को भी दान दे दिया है. गाँव के युवाओं की हौसलाअफजाई के लिये स्थानीय महिलायें भी खूब बढ़चढ़कर उनका साथ दे रही हैं.

अब आस-पास के गांवों का भी समर्थन मिलने लगा है. इस सड़क निर्माण से 4 से 6 ग्राम सभा के लोगों के साथ-साथ क्षेत्र के एकमात्र राजकीय इंटर कोलेज को भी फायदा होगा.

युवाओं ने अपनी इस मुहीम को ‘हमारा गाँव हमारी सड़क’ नाम दिया है. गेंठी बेल्चा थामे अपने गाँव की सड़क का निर्माण करते युवाओं की ये तस्वीर परिवर्तन की तस्वीर मानी जा रही है.
(Reverse Migration in Stories Uttarakhand)

टुंडा चौड़ा, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ से गोपू बिष्ट की रपट

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  • बहुत सुंदर कारसेवा कर अपने लिए रोड बनाना

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