Featured

एक निशाने में सात बाघ ढेर करने वाली पहाड़ी फसक

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree

पहाड़ में एक शब्द प्रचलित था काना खुरो. काना खुरो अव्वल दर्जे के गपोड़ियों के लिये प्रयोग किया जाने वाला शब्द है. काना खुरो का शब्दिक अर्थ हुआ एक शॉट में कान और पैर का निशाना साध लेने वाला. सात बाघों को एक साथ ढेर करने वाली एक फसक कुछ इस तरह है.
(Pahadi Gossip Story)

एक बार एक आदमी हरिद्वार की यात्रा पर गया. हर बात पर झूठ बोलने वाले इस आदमी के बारे में उसके गांव के लोगों को उम्मीद थी कि गंगा नहाने के बाद वह झूठ बोलना बंद कर देगा. जब आदमी घर लौटा तो उसके दोस्त और रिश्तेदार उसके घर आये और उससे उसकी यात्रा के विषय में सवाल करने लगे. आदमी ने अपनी गप्प शुरू की.

यात्रा में तो कोई ख़ास दिक्कत नहीं हुई सिवा एक जंगल के जहां उसने सात बाघ एक साथ देख लिये. डर तो तब और बढ़ गया जब सातों बाघ की नजर मुझ पर पड़ी. अब बाघ मेरी ओर आने लगे. बाघ देखकर मैं झट से रास्ते के किनारे लगे एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया.
(Pahadi Gossip Story)

अब सारे बाघ उस पेड़ के नीचे आ गये जिस पेड़ पर मैं चढ़ा हुआ था. बाघों ने जब देखा की मैं तो उनकी पहुंच से बड़ी दूर हूं तो उन्हें बड़ा गुस्सा आने लगे. और लगे बाघ जोर-जोर गुर्राने. कभी कोई उछलता तो कभी कोई गुस्से से गुर्राने लगता. पर बाघ मेरा कुछ बिगाड़ न सके.

तभी एक बाघ दूसरे बाघ के सिर पर सीधा खड़ा हो गया. उसके ऊपर दूसरा फिर तीसरा और इस तरह सातवां बाघ कुछ ऊंचाई पर पहुंच सका. पर मैं अब भी उनकी पहुंच से बाहर था. खूंखार हो चुके बाघों को देखकर मेरे शरीर से पसीने की मोटी-मोटी धार बहने लगी.

अब बाघ मेरे पसीने की धार के सहारे ऊपर चढ़ने लगा. अचानक मेरे दिमाग में एक विचार आया और मैंने तुरंत अपनी कमर से खुकरी निकाली और पसीने की धार काट दी. सारे के सारे बाघ नीचे गिर गये और वहीं सब खत्म. अब मैंने अपनी यात्रा आराम से फिर शुरू की.  
(Pahadi Gossip Story)

काफल ट्री फाउंडेशन

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago