हेनरी रूसो की पेंटिंग
पहाड़ में एक शब्द प्रचलित था काना खुरो. काना खुरो अव्वल दर्जे के गपोड़ियों के लिये प्रयोग किया जाने वाला शब्द है. काना खुरो का शब्दिक अर्थ हुआ एक शॉट में कान और पैर का निशाना साध लेने वाला. सात बाघों को एक साथ ढेर करने वाली एक फसक कुछ इस तरह है.
(Pahadi Gossip Story)
एक बार एक आदमी हरिद्वार की यात्रा पर गया. हर बात पर झूठ बोलने वाले इस आदमी के बारे में उसके गांव के लोगों को उम्मीद थी कि गंगा नहाने के बाद वह झूठ बोलना बंद कर देगा. जब आदमी घर लौटा तो उसके दोस्त और रिश्तेदार उसके घर आये और उससे उसकी यात्रा के विषय में सवाल करने लगे. आदमी ने अपनी गप्प शुरू की.
यात्रा में तो कोई ख़ास दिक्कत नहीं हुई सिवा एक जंगल के जहां उसने सात बाघ एक साथ देख लिये. डर तो तब और बढ़ गया जब सातों बाघ की नजर मुझ पर पड़ी. अब बाघ मेरी ओर आने लगे. बाघ देखकर मैं झट से रास्ते के किनारे लगे एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया.
(Pahadi Gossip Story)
अब सारे बाघ उस पेड़ के नीचे आ गये जिस पेड़ पर मैं चढ़ा हुआ था. बाघों ने जब देखा की मैं तो उनकी पहुंच से बड़ी दूर हूं तो उन्हें बड़ा गुस्सा आने लगे. और लगे बाघ जोर-जोर गुर्राने. कभी कोई उछलता तो कभी कोई गुस्से से गुर्राने लगता. पर बाघ मेरा कुछ बिगाड़ न सके.
तभी एक बाघ दूसरे बाघ के सिर पर सीधा खड़ा हो गया. उसके ऊपर दूसरा फिर तीसरा और इस तरह सातवां बाघ कुछ ऊंचाई पर पहुंच सका. पर मैं अब भी उनकी पहुंच से बाहर था. खूंखार हो चुके बाघों को देखकर मेरे शरीर से पसीने की मोटी-मोटी धार बहने लगी.
अब बाघ मेरे पसीने की धार के सहारे ऊपर चढ़ने लगा. अचानक मेरे दिमाग में एक विचार आया और मैंने तुरंत अपनी कमर से खुकरी निकाली और पसीने की धार काट दी. सारे के सारे बाघ नीचे गिर गये और वहीं सब खत्म. अब मैंने अपनी यात्रा आराम से फिर शुरू की.
(Pahadi Gossip Story)
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