साउथ अमेरिकी देश कोलंबिया के एक किसान अबेल दे हेसुस दारी एस्कोबार इचेवेर्री और स्कूल टीचर हेमिल्दा डे लोस डोलोरे गवीरिया बेर्रियो के सात बच्चों में तीसरे नंबर का बेटा पाब्लो एस्कोबार (पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गवीरिया) पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक के रूप में जाना जाता है.
1949 को कोलंबिया के एंटीक़िया राज्य की रियोनेहरो म्यूनिसिपलिटी में पैदा हुआ पाब्लो काफी कम उम्र में अपराध की दुनिया में उतर गया. कोलंबिया के दूसरे सबसे बड़े शहर मेडेइन में पला-बढ़ा पाब्लो चेहरे पर मूंछे उगने से पहले कब्र के पत्थर चुराने लगा था. पाब्लो उन पत्थरों को चुराकर लोकल स्मगलर्स को बेच देता था. हालांकि पाब्लो के भाई रॉबर्टो एस्कोबार के मुताबिक यह सरासर झूठी बातें हैं.
रॉबर्टो का कहना है वे लोग सिर्फ वही पत्थर उठाकर लाते थे जिन कब्रों के मालिक उनके रखरखाव का खर्च देना बंद कर देते थे और उनके एक रिश्तेदार कब्र के पत्थरों का व्यापार करते थे. पाब्लो के बेटे हुआन पाब्लो (सेबेस्टियन मारोक़िन) के मुताबिक उनके पिता ने छात्रों को हाई स्कूल डिप्लोमा बेचकर अपना आपराधिक करियर शुरू किया था.
करियर जैसे भी शुरू हुआ हो लेकिन पाब्लो आगे बढ़ता ही गया और उसने तस्करी, फर्जी लॉटरी टिकट, कार चोरी, किडनैपिंग शुरू कर दी. बाद में पाब्लो ने एक लोकल स्मगलर अल्वारो प्रीटो के साथ काम करना शुरू कर दिया. पाब्लो 22 साल का होने से पहले अपने अकाउंट में 1 मिलियन कोलंबियन डॉलर जमा करना चाहता था और प्रीटो के साथ उसका काम ऐसा जमा कि 26 का होते-होते उसके अकाउंट में 100 मिलियन कोलंबियन डॉलर्स हो गए थे.
धीरे-धीरे पाब्लो को कोकीन के बिजनेस के बारे में पता चला और फिर उसने कोकीन के बिजनेस में घुसकर जो किया उसे याद कर आज भी उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका (खासतौर से कोलंबिया) सिहर उठते हैं. पाब्लो ने कोकीन के कारोबार से इतने पैसे बनाए कि उनकी गड्डियां बनाने के लिए हरदिन लाखों रुपये के रबर बैंड लगते थे. इस धंधे की शुरुआत में एक बार इक्वाडोर से आते वक्त पाब्लो का 18 किलो व्हाइट पेस्ट (कोकीन पेस्ट) पकड़ा गया.
पाब्लो ने रिश्वत देकर माल छुड़ाना चाहा लेकिन लीगल अथॉरिटी नहीं मानी। पाब्लो ने माल पकड़ने वाले दोनों अफसरों को मरवा दिया और बाद में केस वहीं खत्म हो गया. पाब्लो के भाई रॉबर्टो के मुताबिक यहीं से पाब्लो ने- Plata o Plomo? मतलब पैसा या गोली? वाला अपना फॉर्मूला शुरू किया. (जिसे हम नार्कोस सीरीज के पहले एपिसोड में देख सकते हैं)
कोलंबिया और दुनिया के अपराध जगत का चेहरा बदल देने वाला कोकीन किंग पाब्लो एस्कोबार फुटबॉल से बेहद प्यार करता था. पाब्लो के लिए फुटबॉल बेहद जरूरी थी. फुटबॉल के साथ पाब्लो सबकुछ भूल जाता था. फुटबॉल के लिए पाब्लो की दीवानगी के किस्से तो यहां तक हैं कि तमाम बार जब उसकी जान को खतरा था वह फुटबॉल देखने/सुनने में बिजी रहता था. कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि कोलंबियन सरकार से अपने युद्ध के दौरान भी उसने फुटबॉल देखना नहीं छोड़ा था.
पाब्लो की मशहूर मेडेइन कार्टेल के अहम मेंबर रहे शूटर हायरो वेलास्क्वेज़ ‘पॉपेय’ के मुताबिक एक बार जब कोलंबिया की सेना उनका पीछा कर रही थी और वे पाब्लो के साथ एक छोटी सी जगह में छिपे हुए थे, तब भी पाब्लो ने अपने कान रेडियो पर लगा रखे थे। बकौल पॉपॉय, ‘मैं सैनिकों को एकदम करीब आता हुआ महसूस कर सकता था और डर के मारे मेरी हालत पतली थी, कि तभी पाब्लो मेरी तरफ मुड़े और कहा, ‘पॉपॉय!’ मुझे लगा कि सैनिकों ने हमें पकड़ लिया है और मैंने अपनी M16 को फायर के लिए तुरंत तैयार किया किन तभी एस्कोबार बोले- कोलंबिया ने गोल दाग दिया’ यह 1994 वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर्स की बात है.
पाब्लो की बहन ने एक मशहूर डॉक्यूमेंट्री में कहा था, ‘पाब्लो ने हमेशा फुटबॉल से प्यार किया, उसके पहले जूते फुटबॉल बूट्स थे और मरते वक्त भी उसने फुटबॉल बूट्स ही पहन रखे थे
जारी….
– सूरज पाण्डेय (पत्रकार )
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…
देह तोड़ी है एक रिश्ते ने… आख़िरी बूँद पानी का भी न दे पाया. आख़िरी…